India News (इंडिया न्यूज), BJP leader Yogesh Rohila: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां भाजपा नेता योगेश रोहिला ने अपनी ही पत्नी और तीन बच्चों पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। इस हमले में दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरे बच्चे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पत्नी गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है।
योगेश रोहिला का आपराधिक इतिहास कोई नया नहीं है। 2007 में उनके परिवार के छह सदस्यों, माता-पिता और चार बहनों ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी। कहा जाता है कि योगेश की प्रताड़ना से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया था। पुलिस ने तब इस मामले में योगेश समेत 60 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था।
BJP leader Yogesh Rohila भाजपा नेता योगेश रोहिला
2015 में योगेश की पहली पत्नी की भी रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। परिवार के कुछ लोगों का आरोप था कि उसे जहर दिया गया था, लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते मामला दबा दिया गया। अब, 2025 में योगेश ने एक बार फिर खौफनाक वारदात को अंजाम दिया, जिसमें तीन मासूम बच्चों की जान चली गई, जबकि उसकी दूसरी पत्नी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।
पुलिस के मुताबिक, योगेश रोहिला अपनी पत्नी नेहा के चरित्र पर शक करता था। शुक्रवार को उसने गांव में पत्नी को बाल पकड़कर घसीटा और बुरी तरह पीटा। वह लंबे समय से नेहा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। शनिवार को इसी शक के चलते उसने पत्नी और बच्चों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।
योगेश रोहिला भाजपा जिला कार्यसमिति का सदस्य था और खुद को रसूखदार नेता मानता था। उसके प्रभाव के कारण क्षेत्र में कई लोग उससे डरते थे। वह पुलिस और प्रशासन पर भी दबाव बनाने में सक्षम था। स्थानीय लोगों के अनुसार, वह लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने और अवैध धंधों में भी संलिप्त था।
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी योगेश को हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि जिस पिस्टल से गोली चलाई गई, उसे जब्त कर लिया गया है। मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषी को सख्त से सख्त सजा दिलाने की तैयारी की जा रही है। यह वारदात पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। अब सवाल यह उठता है कि कैसे एक व्यक्ति जिसने पहले ही अपने परिवार को खो दिया, दोबारा ऐसी खौफनाक घटना को अंजाम दे सकता है? क्या राजनीतिक संरक्षण के कारण ऐसे अपराधी खुलेआम घूमते रहते हैं? अब देखना होगा कि न्याय व्यवस्था इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।