India News(इंडिया न्यूज), BSP Politics: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में बीते कुछ दिनों से लगातार संगठनात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि आनंद कुमार अब बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर ही बने रहेंगे, जबकि नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी अब रणधीर बेनीवाल को दी गई है।
बसपा सुप्रीमो का ऐलान, सोशल मीडिया पर दी जानकारी
मायावती ने सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “काफी लंबे समय से निस्वार्थ सेवा और समर्पण के साथ काम कर रहे बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार को हाल ही में नेशनल कोऑर्डिनेटर भी बनाया गया था। लेकिन उन्होंने पार्टी और मूवमेंट के हित को देखते हुए एक ही पद पर रहने की इच्छा जताई, जिसका स्वागत किया गया है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि आनंद कुमार पहले की तरह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर रहेंगे और सीधे मायावती के दिशा-निर्देशन में अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे।
रणधीर बेनीवाल को मिली नई जिम्मेदारी
बसपा प्रमुख ने यह भी घोषणा की कि यूपी के सहारनपुर जिले के रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही उन्होंने राज्यसभा सांसद रामजी गौतम के साथ मिलकर बसपा संगठन को मजबूती देने का काम संभालेंगे।
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बसपा में लगातार हो रहे हैं बदलाव
बसपा में पिछले कुछ समय से नए चेहरों का आगमन और पुराने नेताओं के निष्कासन का सिलसिला जारी है। मायावती ने हाल ही में आकाश आनंद को बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया था, जिससे उन्हें पार्टी में अहम भूमिका मिलने के संकेत मिल चुके हैं। अब रणधीर बेनीवाल को नई जिम्मेदारी मिलने से साफ है कि बसपा संगठन में युवा और नए चेहरों को आगे लाने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी को उम्मीद है कि ये नेता पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ संगठन को मजबूत करेंगे।
सरकार ने दिया स्पष्टीकरण
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में संचालित कोई भी प्राथमिक विद्यालय बंद नहीं किया गया है, जब तक कि वह जर्जर घोषित न हो। इसके साथ ही सरकार ने शिक्षकों की उपलब्धता को लेकर भी विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया है। राज्य विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने सवाल उठाया कि सरकार प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है और शिक्षकों की कमी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इसके जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार स्कूलों को बंद करने की बजाय उनकी गुणवत्ता सुधारने और उन्हें आधुनिक बनाने पर ध्यान दे रही है।
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सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल की योजना, 57 जिलों में काम शुरू
राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा, “हमारी सरकार स्कूलों की बंदी नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर काम कर रही है। प्रदेश में ‘सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल’ खोले जा रहे हैं, जो अटल आवासीय विद्यालयों की तर्ज पर तैयार किए जा रहे हैं। 57 जिलों में इस योजना पर काम भी शुरू हो चुका है। ये स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होंगे।”
शिक्षकों की कमी को लेकर सरकार का जवाब
सपा विधायक ने शिक्षकों की कमी और उनकी ट्रेनिंग को लेकर भी सवाल उठाया। इस पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की पर्याप्त संख्या है, हालांकि कुछ स्कूलों में शिक्षकों का अनुपात असंतुलित है। “प्रदेश में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन मामला अदालत में जाने की वजह से यह रुका हुआ है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, तब कोई भी स्कूल शिक्षक-छात्र अनुपात की समस्या से जूझता नहीं दिखेगा।”
शिक्षकों का डिजिटल ट्रेनिंग प्रोग्राम और स्मार्ट क्लासेस
प्रदेश सरकार शिक्षकों के डिजिटल प्रशिक्षण पर भी जोर दे रही है। मंत्री ने बताया कि 880 विकासखंडों में आईसीडी लैब स्थापित की गई हैं, जहां शिक्षकों को डिजिटल लर्निंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 2024-25 में 1.65 लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, स्मार्ट क्लासेस और हर कक्षा में दो टैबलेट्स उपलब्ध कराने की योजना पर भी काम चल रहा है। इससे छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ा जाएगा और उनकी सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
विपक्ष के आरोप और सरकार का रुख
विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि सरकार बेसिक शिक्षा के स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है। लेकिन सरकार का दावा है कि बंद करने के बजाय स्कूलों को बेहतर और आधुनिक बनाया जा रहा है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। सरकार के इस बयान के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस मुद्दे पर आगे क्या रुख अपनाता है।