India News (इंडिया न्यूज)CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आप संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के प्रति आपका रवैया क्या था? राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान यहां का नजारा देखकर हम इसका अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, समाजवादी पार्टी के अंदर सनातन के प्रति सम्मान नहीं था, इसीलिए उन्होंने अपनी सरकार में एक गैर सनातनी को कुंभ का प्रभार दिया, जबकि मैं खुद इस आयोजन की निगरानी करता रहा। इसीलिए उन्हें महाकुंभ में गंदगी भी दिखी और अलग भावनाएं भी दिखीं।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अभिभाषण के दौरान समाजवादी पार्टी के विधायकों के व्यवहार की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सवाल उठाया कि क्या उनका आचरण संवैधानिक था। उन्होंने कहा, ‘‘क्या राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी विधायकों की टिप्पणियां और व्यवहार संवैधानिक थे?’’ सत्र के पहले दिन राज्यपाल पटेल भारी विरोध के कारण अपना अभिभाषण पूरा नहीं कर सकीं।
सीएम योगी ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा, ”आप संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के प्रति आपका रवैया क्या है? राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान इस सदन में जो कुछ आपने देखा, उसे देखकर आप इसका सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। जो शोरगुल था, जिस तरह की टिप्पणियां की जा रही थीं, राज्यपाल के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा था, क्या वह संवैधानिक था?”
आगे उन्होंने कहा, “आप सपच्छ तो भरभर के देते हैं, लेकिन अगर आपकी सोच, भाषा और व्यवहार देखना हो तो समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल देख लें। आप दूसरों को उपदेश तो खूब देते हैं… लेकिन खुद नहीं देखते।”
राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस में 146 सदस्यों ने हिस्सा लिया। सभी ने अपने मुद्दे, विचारधारा और सोच के आधार पर अपने विचार रखे। सत्ता पक्ष के 98 और विपक्ष के 48 विधायकों ने भाषण दिए।
अपने संबोधन के दौरान सीएम आदित्यनाथ ने कहा, “नेता प्रतिपक्ष अब समाजवादी से सनातनी बन गए हैं। यह देखकर अच्छा लगा कि उन्होंने सनातन को लेकर अपने सदस्यों को फटकार भी लगाई।”
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “इस बार नेता प्रतिपक्ष को इस बात पर आपत्ति थी कि भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र और राज्यपाल के अभिभाषण में महाकुंभ को वैश्विक स्तर का आयोजन बनाने का जिक्र क्यों किया। अगर महाकुंभ में विश्वस्तरीय सुविधाएं न होतीं तो अब तक 63 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु इसमें शामिल नहीं होते। अब 26 फरवरी तक यह संख्या 65 करोड़ को पार कर जाएगी। मैं भारत में जन्मे भारत के हर महापुरुष का सम्मान करता हूं।”
उन्होंने कहा कि महाकुंभ पर चर्चा हुई। बहुत सी बातें कही गईं। अयोध्या पर चर्चा हुई। अच्छा हुआ कि आपने महाकुंभ को स्वीकार किया। अयोध्या को स्वीकार किया। सनातन को स्वीकार किया। हम भी मानते हैं कि जब कोई समाजवादी आखिरी पायदान पर खड़ा होता है तो उसे धर्म की याद आती है। उन्होंने कहा कि इस बार आप महाकुंभ में गए, वहां स्नान किया और व्यवस्थाओं की भी दिल से तारीफ की। आपने माना कि अगर महाकुंभ में विश्वस्तरीय व्यवस्थाएं न होतीं तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु नहीं आते।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 26 दिसंबर को वीर साहिबजादा दिवस के रूप में याद किया जाता है, जैन तीर्थंकर के प्रति भी हमारी श्रद्धा है, चाहे वह कबीरपंथी हों या अन्य सभी संप्रदाय जिनके माध्यम से एक भारत श्रेष्ठ भारत का संकल्प साकार होता है। उन्होंने आगे कहा, “आपने कहा कि महाकुंभ में एक जाति विशेष के लोगों को रोका गया। हमने कहा कि किसी को नहीं रोका गया है, अगर कोई अराजकता फैलाता है तो उसे ऐसा करने की इजाजत नहीं है।”