India News (इंडिया न्यूज), CM Yogi: सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान सपा के साथ रालोद का गठबंधन टूटने पर चुटकी ली। सीएम ने कहा कि मुझे लगा कि किसानों की बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष (अखिलेश यादव) जरूर चौधरी चरण सिंह का स्मरण करेंगे। लेकिन, रहीम ने लिखा है, ‘बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय, रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय’। ये स्थिति आज इनकी हो चुकी है। कोई साथ में आने को तैयार ही नहीं है। सबको मालूम है कि पता नहीं कहां किसको धोखा दे दें। शुक्रवार को पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद जयंत शनिवार को भी बीजेपी और पीएम मोदी के पक्ष में बयान देते नजर आए।
कहा जा रहा है कि जल्दी ही बीजेपी और रालोद का गठबंधन घोषित हो जाएगा। वहीं विधानमंडल के दोनों सदनों से यूपी का 7.36 लाख करोड़ का बजट पास हो गया। तीन दिन चली बजट चर्चा के दौरान विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए योगी ने तुलसीदास की चौपाई सुनाई। कहा,’सकल पदारथ ऐही जग माहीं, करमहीन नर पावत नाहीं’। विपक्ष इसी कर्महीनता और अकर्मण्यता का शिकार है। विकास, किसान, युवा, महिला, गरीब इनकी प्राथमिकता नहीं थी। इन्होंने प्रदेश से बिलियन लूटा, हम प्रदेश को ट्रिलियन इकॉनमी बनाने जा रहे हैं। सरकार टैलेंट, ट्रेडिशन, ट्रेड, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी के मंत्र को अपनाकर मिशन मोड में विकास कार्यों को आगे बढ़ा रही है।
सीएम ने बजट पर चर्चा करते हुए पर्यटन व आस्था स्थलों के विकास की चर्चा करते हुए अयोध्या, मथुरा, काशी, नैमिषारण्य, चित्रकूट, आजमगढ़ सहित विभिन्न स्थलों के लिए बजट आवंटन पर विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान बिजनौर का जिक्र आया तो उन्होंने कहा कि वहां भी महाराज विदुर के नाम पर मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं। मैने तो वहां और नोएडा में रात्रि विश्राम भी किया था। लेकिन, अखिलेश सीएम रहते हुए वहां कभी नहीं रुके। उन्हें डर था कि पता नहीं कब चाचा कुर्सी हथिया लें।
सीएम ने निवेश बढ़ाने के प्रयासों का जिक्र करते हुए बताया कि एफडीआई और फॉर्च्यून 500 कंपनियों से निवेश लाने के लिए एफडीआई नीति लागू की गई। 1996 से 2017 तक प्रदेश में 22 वर्ष में केवल 200 करोड़ रुपए का निवेश एफडीआई के तौर पर आया था। जबकि 2017 से 23 के बीच में 2300 करोड़ रुपए का एफडीआई आया है। नई पॉलिसी से प्रदेश में निवेश के नए द्वार खुलेंगे, जिससे से नौकरी व रोजगार की नई संभावनाओं का उदय भी होगा। सीएम ने सामाजिक सेक्टर की चर्चा करते हुए बाल व मातृ मृत्यु दर में आई कमी का भी उल्लेख किया।
सीएम देश व यूपी की अर्थव्यवस्था की प्रगति के आंकड़ों को रखते हुए ब्रिटेन की चर्चा की। इस पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आप चलकर ब्रिटेन देख लीजिए। इस पर योगी ने चुटकी ली कि आप तो ब्रिटेन अक्सर ही जाते रहते हैं। आपको टिकट कौन कराता है, यह भी पता है। अध्यक्ष के बुलावे पर नेता प्रतिपक्ष अयोध्या जाने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि इससे उनका वोट बैंक प्रभावित होगा। आप तो मथुरा-वृंदावन के लिए भी कुछ नहीं कर पाए थे। आपको वहां जाने में भी डर लगता था। हमने काशी में आपका बंद कराया ताला खुलवाया और मथुरा में भी जन्मभूमि के पीछे के जिस पार्क पर आप लोगों ने ताला बंद किया था, उसे भी खुलवाया। हमारे लिए भगवान राम आस्था के केंद्र है, राजनीति के नहीं। जब अयोध्या में मंदिर नहीं बना था तब भी हम जाते थे और आगे भी जाएंगे।
सीएम ने कहा कि 2016-17 के मुकाबले यूपी का बजट दोगुना है। 2017 तक प्रदेश की जीडीपी 12-13 लाख करोड़ रुपये के आस-पास थी। पिछले 7 वर्षों में 3 वर्ष कोरोना महामारी की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। इसके बाद भी प्रदेश की जीडीपी दोगुनी हो गई। यानी जीएसडीपी जितनी 70 साल में पहुंची, उतनी बढ़ोतरी हमने 7 साल में की। यूपी की अर्थव्यवस्था आज दूसरे नंबर पर है। देश की जीडीपी में हमारा शेयर 9.2% है। हमारा प्रयास होगा कि अगले 5 वर्ष में देश की जीडीपी में यूपी का योगदान कम से कम आबादी की भागीदारी के बराबर हो। बजट इसी भाव का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर से ईज आफ लिविंग, ईज आफ डूइंग बिजनेस से इनवेस्टमेंट के ड्रीम डेस्टिनेशन, कृषि और किसान से लेकर के गरीब कल्याण, आस्था से लेकर अर्थव्यवस्था और संस्कृति से समृद्धि तक का रोडमैप है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए अयोध्या न जाने के मसले पर भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जब प्रभु राम दिल में बसते हो तो नाम लेने की क्या जरूरत है। जब आप और हम नही थे तब भी राम थे, जब हम नहीं रहेंगे वो तब भी रहेंगे। ऐसा कहना कि आप प्रभु राम को लाए हैं, ये कहकर आप भगवान और धर्म का अपमान कर रहे हैं। किसी ने कहा है कि धर्म अमीरों की शान व गरीबों की सिसकी है।
किसी ने धर्म को अफीम भी बताया है। सरकार पांडव-कौरव की बात करती है। हम तो भगवान कृष्ण के वंशज है। सरकार देख ले कि उसका परिचय क्या है और वह कहां खड़ी है? जिस अयोध्या की बात हो रही है वहां के लोगो से विकास के नाम पर मकान, दुकान, जमीन ले ली गई। सही मुआवजा भी नहीं मिला। अयोध्या के जमीनों की रजिस्ट्री सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए। राम की प्रजा को अधिकारियों ने जमकर लूटा है।
दोनों ही सदनों से शनिवार को लिफ्ट एवं एस्केलेटर और लोकायुक्त विधेयक ध्वनि मत से पास हो गया। इसके कानून बन जाने के बाद सार्वजनिक लिफ्ट का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा और दुर्घटना बीमा भी कराना होगा। हालांकि, बीमा का प्रावधान सरकारी लिफ्ट पर लागू नहीं होगा। वहीं लोकायुक्त का कार्यकाल 8 साल से 5 साल करने के लिए लाया गया विधेयक भी पारित हो गया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा कर्मियों को दिए जाने वाला बोनस 1000 हजार रुपये बढ़ाकर 15500 रुपये करने की भी घोषणा की।
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