India News (इंडिया न्यूज),CM Yogi Speech in Vidhansabha: बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को लेकर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के झूठे प्रचार पर तीखा हमला बोला। सीएम योगी ने महाकुंभ में भगदड़, मौतें, स्नान, पानी को लेकर तमाम झूठ पर अखिलेश को लताड़ लगाई। सीएम योगी ने एक शायरी पढ़ते हुए कहा, उनकी जुबां का जादू बड़ा हसीन है, आग लगाकर वो बहारों की बात करते हैं। रातों को बेखौफ होकर बस्तियां लूटने वाले बदनसीबों की बात करते हैं…
सीएम योगी ने महाकुंभ के पास अकबर के किले को सौंपने को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को घेरा। मुख्यमंत्री ने कहा, उन्हें पता ही नहीं है कि वहां सरस्वती नदी नहीं है, बल्कि सरस्वती नदी है। अक्षयवट की रोचक जानकारी ही नहीं है। बुजुर्ग-बच्चों और महिलाओं के स्नान को लेकर भ्रांतियों का विवरण दिया गया है कि उन्हें संगम में प्रवेश की सुविधा नहीं है। महाकुंभ को लेकर जिस अभद्र भाषा का इस्तेमाल समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया द्वारा किया गया। उनका संस्कार पता चल जाएगा। अन्य नियत और सनातन विरोधी छवि का पता चलेगा।
उनकी सहयोगी पार्टी के नेता लालू यादव ने कहा है, कुंभ का क्या मतलब है, यह बेकार है। तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्यु कुंभ बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां तक दावा किया कि कुंभ में हजारों लोगों की मौत हुई है। समाजवादी पार्टी की नेता जया बच्चन ने कहा कि भगदड़ में मारे गए लोगों के शवों को गंगा में फेंक दिया गया है। इससे पानी प्रदूषित हो गया है और लोग इसमें स्नान कर रहे हैं।
मुसलमानों को कुंभ में स्नान करने से रोकने के आरोपों पर सीएम योगी ने कहा, क्रिकेटर मोहम्मद शमी समेत कई हस्तियां यहां स्नान कर चुकी हैं। मैं कहना चाहता हूं कि संक्रामक बीमारी का इलाज है, लेकिन संक्रमित सोच का कोई इलाज नहीं हो सकता। जब भी कोई सफल आयोजन होता है, तो पहले उपहास, फिर विरोध और फिर स्वीकृति देखने को मिलती है। यही वजह है कि विरोध हुआ और उनके नेता संगम में छिपकर स्नान करके आए।
अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा कुंभ स्नान में वीआईपी सुविधाओं के सवाल पर उन्होंने कहा, ये लोग वीआईपी कल्चर की बात करते हैं, जो चांदी का चम्मच मुंह में लेकर पैदा हुए हैं। राजनीति में थोड़ा बहुत स्वांग चलता रहता है, लेकिन इसे राजनीति न बनाएं। सपा ने पहले कहा कि सरकार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बता रही है। फिर कहने लगे कि सरकार श्रद्धालुओं की संख्या कम बता रही है। यह उनका दोहरा चरित्र है।
योगी ने कहा, विपक्ष को सरकार पर सवाल उठाने चाहिए, लेकिन महाकुंभ पर आप सवाल नहीं उठा सकते। सपा ने पहले भीड़ पर सवाल उठाए, संगम देखने पहुंचे, जब भीड़ देखी तो आयोजन की तिथि आगे बढ़ाने की बात कही। समाजवादी पार्टी के ये लोग दोहरे चरित्र वाले हैं। महाकुंभ सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का गौरव है। विपक्ष की भाषा सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है। संक्रमित व्यक्ति का इलाज संभव है, लेकिन संक्रमित सोच का इलाज नहीं हो सकता। सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं। विपक्ष ने महाकुंभ को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अखिलेश यादव भाजपा से लड़ते-लड़ते भारत से लड़ने लगे। कहा जाता है कि भारत कभी विकसित नहीं हो सकता। विपक्ष को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारत और सनातन धर्म को बदनाम नहीं करना चाहिए।