India News (इंडिया न्यूज़),Dhirendra Krishna Shastri: बाग धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक निजी कार्यक्रम में शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने अपने प्रवचन में हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ AI ही नहीं बल्कि HI भी होना चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा कि HI का मतलब असंगठित संगठन है। प्रवचन के बाद मीडिया को बताते हुए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना हमारा प्रयास है। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू राष्ट्र का मतलब किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि हिंदू राष्ट्र का मतलब सबको साथ लेकर चलना है, जैसे दुबई में अलग-अलग चरित्र के लोग एक साथ रहते हैं। उसी तरह भारत में सभी को रहने का अधिकार है। यह भारत किसी का नहीं बल्कि सभी का है। ‘हिंदुत्व का मतलब अहिंसा जीवन’
Dhirendra Krishna Shastri
इस अवसर पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि सभी दादा-दादों ने आजादी के लिए युद्ध लड़ा है, अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्स का मतलब जीवन जीने की सही समानता है। अहिंसा का मतलब अहिंसा जीवन है। धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा है कि अहिंसा का मतलब है समाजवादी साथ लेकर चलना और भारत को विश्व गुरु बनाना सबसे पहले है।
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हाल ही में पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने संभल को लेकर बयान दिया था। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने कोई गलत बयान नहीं दिया है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि संभल के रजिस्ट्रार, एसपी और वहां के कर्मचारी, अधिकारी और कर्मचारी धन्यवाद के पात्र हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि वहां (संभल में) सदियों से बंद पड़े हनुमान मंदिर और शिव मंदिर की खोज और खोज के बाद मिल गए हैं। जहाँ बचे हैं, वहाँ भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यह सनातन युग है, स्वर्ण युग है। हमारे देश में बौद्ध, मुगल और चंगेज खान जैसे धुरंधर लोग शामिल थे जिन्होंने भारतीय सनातन संस्कृति की विरासत को नष्ट करके मस्जिदें बनाईं, अब वहां फिर से मंदिर बन रहे हैं।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि हम और सभी धर्मों के लोग वास्तव में चिंतित नहीं हैं। सनातन संस्कृति के लोग आपके धर्म के विरुद्ध नहीं हो सकते। जहां मंदिर थे, वहीं अन्य मंदिर। बस इतना ही होना है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “हम कहते हैं कि हमारे मंदिर की जांच होनी चाहिए, हमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। भगवान को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। फिर भी पूजा की जांच हो जाए, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। समस्या है, तो इसका मतलब है कि इसमें कुछ समानताएं हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि भगवान के अंदर शिव मंदिर हैं।” पूरी दुनिया में सनातन के प्रतीकों के बारे में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “यह देश ही ऐसा है, जहां लाखों-करोड़ों साल के अवशेष और सनातन की समानता है। सनातन धरती पर मानव का अस्तित्व है।” ईसाई धर्म की शुरुआत यहीं से हुई और पूरी दुनिया में होगी।” अन्य बाजारों में भी इसी तरह की खुदाई की संभावना के बारे में पूछने पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने अंदाज में कहा, “ऐसा होना चाहिए, आपके घर में भी ऐसा होना चाहिए।”