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INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़) (मार्तण्ड सिंह), Lucknow News : छात्रवृति घोटाले के आरोपियों पर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। दिव्यांग, एससी एसटी और अल्पसंख्यकों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को हड़पने वाले कॉलेज संचालकों की करीब 12 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिया है।
बताया जा रहा है कि राजधानी के हाइजिया एजूकेशन ग्रुप की सात अचल संपत्तियों को जब्त किया गया हैं, जिसके सैयद इशरत हुसैन जाफरी उर्फ लकी जाफरी घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। इसके अलावा 38 बैंक खातों से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की रकम को भी ईडी ने जब्त किया है। छात्रवृत्ति घोटाले का कार्य बहुत ही तेजी से चल रहा। बच्चों के पढ़ाई और उनके उच्चय भविष्य के लिए दी जाने वाली राशि उन तक ना पहुंच कर कॉलेज संचालकों की जेब में जा रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने हाइजिया ग्रुप की सात संपत्तियों को जब्त किया है। इनमें ऑरेगन एजूकेशन सोसाइटी के संचालक अली अब्बास जाफरी का फैजुल्लागंज स्थित चार रिहायशी भूखंड, हाइजिया कॉलेज के कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता बख्शी का तालाब स्थित रिहायशी भूखंड भी शामिल है। इसके अलावा रवि प्रकाश गुप्ता द्वारा संचालित राम और श्याम एजूकेशन सोसाइटी के नाम से खरीदी गई दो कृषि योग्य भूमि शामिल हैं। बता दें कि इन सातों संपत्तियों को करीब 1.20 करोड़ रुपये में खरीदा गया था, जिनकी वर्तमान में वास्तविक बाजार कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार कालेज छात्रों के फर्जी बैंक खाते खुलवाकर यह पूरा खेल रचा जाता था।
ईडी को हाइजिया के संचालक लकी जाफरी की मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है। दरअसल, लकी जाफरी ने ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए अदालत में अपनी बीमारी का हवाला देते हुए राहत मांगी थी। अदालत ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट तलब करते हुए कुछ दिनों की अंतरिम राहत देने का आदेश दिया था। लकी जाफरी की मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद ईडी इस मामले में आगे कार्रवाई करेगी। ईडी की जांच में सामने आया है कि जांच के दायरे में आए समस्त कॉलेज संचालक आपस में मिलकर छात्रवृत्ति हड़पने का सिंडीकेट चला रहे थे।
इसके अलावा लखनऊ के एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के संचालक प्रवीण सिंह चौहान, फर्रुखाबाद के ओपी गुप्ता एजूकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट और घोटाले में शामिल हरदोई के कुछ कॉलेजों के 38 बैंक खातों से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की रकम को जब्त कर लिया गया है। ये बैंक खाते इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक आदि में खोले गए थे, जिनमें छात्रवृत्ति की हड़पी गई रकम को जमा कराया जाता था। बाद में इस रकम से संपत्तियों को खरीदा जाता था।
ईडी के अधिकारी इस मामले की आगे जांच कर रहे हैं और जल्द ही बाकी कॉलेज संचालकों की अचल संपत्तियों को भी चिन्हित कर जब्त कर लिया जाएगा। बता दें कि ईडी ने हाल ही में छात्रवृत्ति घोटाले में अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें करीब सौ करोड़ रुपये का घोटाला होने की बात कही गई थी।
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