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Former Minister Taking BPL Ration
इंडिया न्यूज, मेरठ:
उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मामला उजागर हुआ है जिसे सुन का आप हैरान रह जाएंगे। मामला दरअसल मेरठ का है जहां प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री मई 2020 से बीपीएल कार्डधारक गरीबों को मिलने वाला गेहूं और चावल लेते आ रहे हैं। क्योंकि रसूखदार मंत्री जी का भी नाम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले जरूरतमंदों में शामिल है।
यही नहीं बाकायदा उनका बीपीएल राशन कार्ड भी बना हुआ है। जोकि उनके भगवतपुरा के पते पर आपूर्ति विभाग में दर्ज है। इसी के माध्यम से वह गरीबों के मुंह से निवाला पिछले डेढ़ साल से छीनते आ रहे हैं। जी हां उनका नाम पूर्व मंत्री योगेन्द्र जाटव है। जो अभी तक इस साल में पांच बार 10 किलो चावल और 15 किलो गेहूं ले सबंधित डिपो से ले चुके हैं। मंत्री जी के नाम पर बीपीएल कार्ड नंबर 113840846379 भी खाद्य आपूर्ति विभाग ने जारी किया हुआ है, जिसमें उनकी पत्नी किरन देवी समेत उनके बच्चों के नाम भी दर्ज हैं, बच्चों के नाम बीपीएल कार्ड में नमन, रविकुमार जाटव, अंजली नाम से राशन कार्ड में अंकित हैं।
बता दें कि प्रदेश का यह वह गरीब परिवार है जिसके पास करोड़ों की संपत्ति है और आलिशान घर भी है। ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा होता है कि बीपीएल कार्ड बनने को लेकर सरकार ने कुछ मापदंड तय किए हैं। जिसमें पात्र व्यक्ति के पास न तो दो पहिया या चार पहिया वाहन होना चाहिए, न ही उसके पास पक्का घर होना चाहिए, यहां तक कि उसकी सालाना आय के लिए भी एक दायरा निर्धारित किया गया है।
कैसे एक मंत्री का बीपीएल राशन कार्ड विभाग ने जारी कर दिया। यही नहीं इस राशन कार्ड पर श्याम नगर स्थित डिपो होल्डर सुनीता गुप्ता के यहां से उन्हें राशन भी वितरित किए जाने की बात भी सामने आ रही है। मामला उजागर होते ही खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के सर्दी में भी पसीने छूटने लगे हैं और विभाग में अफरा तफरी मच गई है, विभागीय अफसर पूरे प्रकरण पर लीपापोती में जुट गए हैं।
मामले की परत खुलते ही पूर्व मंत्री योगेंद्र जाटव सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने तो अपना साधारण राशन कार्ड तक नहीं बनवाया तो मैं बीपीएल कार्ड कैसे बनवा सकता हूं। वैसे भी मैं और मेरा परिवार उस श्रेणी में नहीं आता कि हम यह काम करें। हो सकता है कि किसी और ने मेरे नाम से राशन कार्ड बनवा लिया हो। वही आदमी राशन भी ले रहा हो। मैं इस मामले की तह तक जाऊंगा।
वहीं जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने कहा कि यह जांच का विषय है पूर्व राज्यमंत्री के नाम बीपीएल कार्ड कैसे बना और किसने बनवाया। यह भी देखा जाएगा कि अंगूठा लगने के बाद ही पात्र व्यक्ति को राशन दिया जाता है। वह कौन है जो यह काम कर रहा है। इन सब बातों का जवाब जांच के बाद ही दिया जा सकता है।
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