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India News(इंडिया न्यूज),Ghosi By-election Result 2023: उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में आज मतगणना हुई। जिसके बाद एनडीए को उत्तर प्रदेश की जनता का कुछ तीखा इशारा देखने को मिला। वहीं सबसे ज्यादा बातें उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की हार की हो रही है। जानकारी के लिए बता दें कि, भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधारकर सिंह से करारा हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि, आज यानी शुक्रवार को जारी नतीजे के अनुसार सुधाकर सिंह ने दारा सिंह चौहान को 42,759 वोटों से हरा दिया है। जानकारी ये सामने आ रही है कि, सुधाकर सिंह को 1,24,427 वोट मिले, जबकि दारा सिंह चौहान के खाते में 81,668 वोट आए।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, यूपी के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर दारा सिंह चौहान की हार का सबसे बड़ा कारण जातीय समीकरण बताया जा रहा है। जहां बात अगर जाती की करें तो अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का दबदबा माना जाता है। इस सीट के अंतर्गत करीब 60,000 राजभर मतदाता, 40,000 यादव, 50,000 चौहान वोटर जिसे वहां के स्थानिय भाषा में नोनिया भी कहा जाता है और करीब 60,000 दलित मतदाता आते हैं। वहीं, सीट पर करीब 90 हजार मुस्लिम वोटर भी हैं। वहीं बात अगर सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह की करें तो वे सामान्य वर्ग से आते हैं, जबकि बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान ओबीसी समुदाय से आते हैं। सपा का बेस वोट यादव और मुसलमान माने जाते हैं, जबकि इस सीट पर बीजेपी का बेस वोट चौहान, राजभर और निषाद हैं।
बता दें कि, भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान की घोसी की सीट पर हार को आने वाले लोकसभा चुनाव की कड़ी से भी जोड़ा जा रहा है कि, ये एनडीए के लिए जनता का एक इशारा के तौर पर है। क्योंकि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधारकर सिंह के इस जीत को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को एनडीए बनाम इंडिया गठंधन के लिटमस टेस्ट के रूप में भी देखा जा रहा था।
वहीं बात अगर इंडिया गठबंधन के घटक दलों कांग्रेस की करें तो, वाम दलों और आम आदमी पार्टी ने इस सीट से अपने उम्मीदवार नहीं उतारे और सुधाकर सिंह को समर्थन दिया। इन दलों ने विपक्षी एकता के तहत उनके लिए प्रचार भी किया था। इस प्रकार सुधारकर सिंह के रूप में विपक्षी घटक दलों वाले इंडिया गठबंधन की इस सीट पर जीत हुई है, जो एनडीए के लिए एक बड़ा संकेत है. इंडिया गठबंधन को मिली इस सफलता से कयास लगाए जाने लगे हैं क्या कई विपक्षी पार्टियों का यह गुट 2024 में एनडीए को वाकई चुनौती देगा।
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