India News (इंडिया न्यूज़), Gyanvapi Case: पंडित के पोते शैलेन्द्र पाठक की ओर से दायर मामले में जिला जज डॉ। अजय कृष्ण विश्वेश ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। सोमनाथ व्यास ने ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने और उसमें पूजा करने के लिए एक अधिकारी देने की मांग की। है। इससे पहले सुनवाई के दौरान वादी और प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। बहस के बाद कोर्ट ने आदेश के लिए बुधवार का समय दिया है।
सुनवाई के दौरान शैलेन्द्र पाठक के वकील विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह ने कहा कि व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने की मांग स्वीकार कर ली गई है। हमारी दूसरी मांग है कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में नंदी जी के सामने बैरिकेडिंग खोली जाए और व्यास जी के तहखाने में पूजा के लिए आने-जाने की इजाजत दी जाए।
इस पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के वकील मुमताज अहमद और इखलाक अहमद ने आपत्ति जताई और कहा कि यह मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम 1991 से बाधित है। इसलिए मामला चलने योग्य नहीं है। बेसमेंट मस्जिद का हिस्सा है, जो वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इसलिए पूजा की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। इसमें यह भी कहा गया कि एक प्रार्थना पत्र पर एक बार आदेश पारित होने के बाद दूसरी बार आदेश नहीं दिया जा सकता।
पिछले साल 25 सितंबर को शैलेन्द्र कुमार पाठक की ओर से एक मुकदमा दायर किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि ज्ञानवापी के दक्षिण की ओर स्थित इमारत में एक बेसमेंट है। यह प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य सीट है। इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि वंशानुगत आधार पर ब्रिटिश शासन के दौरान भी पुजारी व्यास जी का वहां कब्ज़ा था और दिसंबर 1993 तक वहां पूजा की जाती थी। हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित कई प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्रियां वहां मौजूद हैं।
यह भी पढ़ेंः-
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.