India News (इंडिया न्यूज़) ISI Funding Plan: उत्तर प्रदेश में आईएसआई के फ़ंडिंग प्लान को डिकोड करने में देश की एजेन्सियाँ कामयाब हो गई है। सूत्रों के मुताबिक़ आई एस आई के माल-ए-गनीमत के प्लान को डिकोड करने में जांच एजेंसियों को कामयाबी हासिल हो गई है। असल में जिस तरह देश में आतंकवाद और उससे जुड़ी फ़ंडिंग को रोकने के लिये देश की सभी एजेन्सियाँ काम कर रही। उसके चलते आईएसआई और बाक़ी आतंकी संगठनों के देश में आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पैसों को देश में लाने और देश से बहार ले जाने में बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की फ़ंडिंग लगभग ना के बराबर हो गई है। लिहाज़ा अब पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेन्सि ने अपने नापाक मंसूबो को कामयाब करने के लिए उत्तर प्रदेश में बक़ायदा अलग-अलग 127 लोकेशन को गूगल मैप पर पिन किया है।
रिज़वान के प्लान को पता लगाने में जुटी एजेंसियां
गूगल मैप पर पिन की गई लोकेशन कुछ इस प्रकार है, जहाँ से वे अचानक से लूट और डकैती की घटनाओं को अंजाम दे कर वहाँ से भाग सके। सुन सान इलाक़ों और रास्तों, जहां से बैंक की वैन गुजरती है वो सुन सान इलाक़े और ऐसे ही और जगहें जहाँ इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के बाद इकट्ठा किए गए पैसों को आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा सके। अब इस जानकारी के मिलते ही एजेन्सियाँ इस बात का पता लगाने में लगी है की आतंकी रिज़वान अपने प्लान में और किस किस को शामिल करने वाला था और उसने अब तक और किसको अपने और आईएसआई के मंसूबो के बारे में बताया है।
रिज़वान का साथी ढूंढ़ने में जुटी ए॰टी॰एस॰
इस्लामिक स्टेट के जिस हैंडलर को रिज़वान सारी जानकरियाँ मुहैया कराता था उसने क्या क्या जानकारियाँ उसे अब तक दी है और क्या कोई और भी था जो उसे आतंकी मंसूबो की ट्रेनिंग देता था। साथ ही रिज़वान को कुछ लोगों को इस साज़िश में शामिल करने के लिए बक़ायदा ताकीद दी गई थी। जिससे वो और भी लोगों का ब्रेन वाश कर के उनको आईएसआई के इस आपरेशन माले ग़नीमत में शामिल न कर सके। वही इस दौरान लगातार आईएसआई के आतंकियो की घर पकड़ से रिज़वान घबरा गया था और लखनऊ आ गया था। यहाँ तीन महीनो तक वो पुराने लखनऊ में ऐसे मकान की तलाश में रहा जहाँ एंट्री और एग्ज़िट बाहर से हो।
सूत्रों के मुताबिक़ ख़ुफ़िया एजेन्सियों को ऐसा लगता है की उसने इस दौरान कोई प्राइमरी प्लान ज़रूर बनाया होगा या घटना को अंजाम देने के लिए टीम बनाने के लिए आईएसआई द्वारा प्रेशर भी था। अब ए॰टी॰एस॰ बक़ायदा लखनऊ के इन इलाक़ों में जहाँ रिज़वान की आवाजाही ज़्यादा थी क्या वहाँ उसके मंसूबो को कामयाब करने के लिए उसे कोई साथी मिल गया था या नही बस इस सवाल का जवाब ढूँढने में लगी है ।
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