Hindi News / Uttar Pradesh / Maha Kumbh Mosques Opened From Blankets To Muslims Came Forward To Help Hindu Devotees Know The Whole Matter

मस्जिदें खोलीं-कंबल से लेकर.., हिंदू श्रद्धालुओं की मदद के लिए आगे आए मुसलमान; जानें पूरा मामला

India News (इंडिया न्यज़),Maha Kumbh : एक तरफ जहां महाकुंभ में भगदड़ मची और कई श्रद्धालु घायल हुए। वहीं दूसरी ओर इस हादसे के बाद हिन्दू- मुस्लिम एकता का नजारा देखने को मिला।  भगदड़ के बाद जब कई हिंदू श्रद्धालु वहां रह गए और भोजन के लिए कुछ नहीं कर पाए, तो मुस्लिम व्यापारियों ने […]

BY: Poonam Rajput • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यज़),Maha Kumbh : एक तरफ जहां महाकुंभ में भगदड़ मची और कई श्रद्धालु घायल हुए। वहीं दूसरी ओर इस हादसे के बाद हिन्दू- मुस्लिम एकता का नजारा देखने को मिला।  भगदड़ के बाद जब कई हिंदू श्रद्धालु वहां रह गए और भोजन के लिए कुछ नहीं कर पाए, तो मुस्लिम व्यापारियों ने उनका साथ दे दिया। चलिए जानते है ऐसे में पूरा मामला क्या है।

यह है पूरा मामला 

जनवरी के मध्य में मौनी अमावस्या के दौरान महाकुंभ में मची भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई थी। यह वह समय था जब चरमराए स्थानों पर वास्तुशिल्प की व्यवस्था की गई थी। लेकिन ऐसे में असंगत के मुस्लिम भाई हिंदू श्रद्धालु की मदद के लिए आगे आएं। उन्होंने हिंदू श्रद्धालु के लिए मस्जिदें खोलीं ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। और क्या किया मुस्लिम कारीगरों ने? आइये जानते हैं…

मुस्लिम हिंदू शिष्यों की मदद कर रहे हैं।

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज (इलाहाबाद) में एक बार फिर गंगा-जमुनी तहजीब का नजारा देखने को मिला। भगदड़ में संगम नगरी आए  श्रद्धालु के साथ जो हुआ, उसे वे शायद कभी नहीं भूलेंगे। लेकिन एक अच्छी याद जो वे अपने साथ ले जा रहे हैं, वह इस घड़ी में अपने साथ देने वाले मुस्लिम (हिन्दू- मुस्लिम एकता) है। भगदड़ के बाद जब कई हिंदू श्रद्धालु वहां रह गए और भोजन के लिए कुछ नहीं कर पाए, तो मुस्लिम व्यापारियों ने उनका साथ दे दिया। उन्होंने हिंदू श्रद्धालुओं के आराम के लिए मस्जिदें खोलीं। भोजन की व्यवस्था की और ठंड से बचने के लिए भोजन की व्यवस्था।

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Maha Kumbh 2025

दर्सल सूत्रों के अनुसार,  अल्लाहाबाद से ऐसे कई वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो इस बात की गवाही दे रही हैं कि देश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा कितना गहरा है। 28-29 जनवरी की दरमियानी रात मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में जब भगदड़ मची तो कई लोगों की जान चली गई। भगदड़ के बाद का मंज़र भयानक था। कुछ लोग दिखाए गए मंदिरों को ढूंढते रहे तो कुछ मंदिरों के मृतकों के हाथ दे रहे कि उन्हें कहीं न खोया गया।

ग़ालिब के लिए मस्जिदें

यह वह समय था जब संस्थानों के लिए व्यवस्थाएं शुरू की गईं। वफ़ाअत का प्रवेश रोक दिया गया। जो जहां पहुंचा, उसे वहीं रोक दिया गया। ऐसे में 29 जनवरी को जानसेनगंज रोड समेत 10 से ज्यादा इलाकों को श्रद्धालुओं  ने बड़ा दिल दिखाया। 25 से 26 हजार श्रद्धालुओं के लिए मस्जिदों, मस्जिदों, इमामबाड़ों और अपने घरों के दरवाजे खोले।

भोजन, पानी और औषधि की मदद

उन्हें भोजन और चाय उपलब्ध करायी गयी। जिन लोगों को दवा की जरूरत थी, उनका इलाज किया गया हिंदू श्रद्धालुओं को 29 जनवरी की रात मदद की गई।

2500 लोगों को कंबल बांटे

मुस्लिम समुदाय ने हिंदू श्रद्धालुओं के लिए विशेष भोजन का आयोजन किया। जिन लोगों को दवा की जरूरत थी, उन्हें दवा भी उपलब्ध करायी गयी। एक समाचार पत्र के अनुसार, ठंड में हिंदू श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए मुस्लिम लोगों ने 2500 लोगों को एकजुट किया। इतना ही नहीं, हिंदू श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी उतार दिया गया, ताकि वे सुरक्षित घर पहुंच सकें। मुस्लिम भाई अभी भी दिन-रात हिंदू श्रद्धालुओं की मदद में लगे हुए हैं। कुछ मुस्लिम लोगों का कहना है कि जब तक महाकुंभ रहेगा, हम हिंदू श्रद्धालुओं की मदद करेंगे।

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Maha Kumbh

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