India News(इंडिया न्यूज),UP Vidhan Sabha News: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में संचालित कोई भी प्राथमिक विद्यालय बंद नहीं किया गया है, जब तक कि वह जर्जर घोषित न हो। इसके साथ ही सरकार ने शिक्षकों की उपलब्धता को लेकर भी विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया है। राज्य विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने सवाल उठाया कि सरकार प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है और शिक्षकों की कमी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इसके जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार स्कूलों को बंद करने की बजाय उनकी गुणवत्ता सुधारने और उन्हें आधुनिक बनाने पर ध्यान दे रही है।
सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल की योजना, 57 जिलों में काम शुरू
राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा, “हमारी सरकार स्कूलों की बंदी नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर काम कर रही है। प्रदेश में ‘सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल’ खोले जा रहे हैं, जो अटल आवासीय विद्यालयों की तर्ज पर तैयार किए जा रहे हैं। 57 जिलों में इस योजना पर काम भी शुरू हो चुका है। ये स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होंगे।”
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शिक्षकों की कमी को लेकर सरकार का जवाब
सपा विधायक ने शिक्षकों की कमी और उनकी ट्रेनिंग को लेकर भी सवाल उठाया। इस पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की पर्याप्त संख्या है, हालांकि कुछ स्कूलों में शिक्षकों का अनुपात असंतुलित है। “प्रदेश में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन मामला अदालत में जाने की वजह से यह रुका हुआ है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, तब कोई भी स्कूल शिक्षक-छात्र अनुपात की समस्या से जूझता नहीं दिखेगा।”
शिक्षकों का डिजिटल ट्रेनिंग प्रोग्राम और स्मार्ट क्लासेस
प्रदेश सरकार शिक्षकों के डिजिटल प्रशिक्षण पर भी जोर दे रही है। मंत्री ने बताया कि 880 विकासखंडों में आईसीडी लैब स्थापित की गई हैं, जहां शिक्षकों को डिजिटल लर्निंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 2024-25 में 1.65 लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, स्मार्ट क्लासेस और हर कक्षा में दो टैबलेट्स उपलब्ध कराने की योजना पर भी काम चल रहा है। इससे छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ा जाएगा और उनकी सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
विपक्ष के आरोप और सरकार का रुख
विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि सरकार बेसिक शिक्षा के स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है। लेकिन सरकार का दावा है कि बंद करने के बजाय स्कूलों को बेहतर और आधुनिक बनाया जा रहा है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। सरकार के इस बयान के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस मुद्दे पर आगे क्या रुख अपनाता है।