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महाकुंभ में रबड़ी वाले बाबा की धूम, फ्री में रबड़ी खिलाकर लोगों के जीवन में घोल रहे हैं मिठास

BY: Nikita Chauhan • LAST UPDATED : January 19, 2025, 4:17 pm IST
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महाकुंभ में रबड़ी वाले बाबा की धूम, फ्री में रबड़ी खिलाकर लोगों के जीवन में घोल रहे हैं मिठास

Prayagraj Maha Kumbh 2025

India News (इंडिया न्यूज), Prayagraj Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में संत महात्मा अपनी वेशभूषा, अनूठी साधना और कामों की वजह से इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। सुर्खियां बटोरने वाले इन्हीं संतो में एक हैं महानिर्वाणी अखाड़े के श्री महंत देव गिरि जी महाराज। महाकुंभ में लोग इन्हें रबड़ी वाले बाबा के नाम से जानते हैं। गुजरात से आए महंत देवगिरी महाराज की कुटिया के बाहर सुबह से लेकर देर रात तक खौलते दूध के कढ़ाहे चढ़े रहते हैं।

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अपने हाथों से बनाते हैं रबड़ी

बता दें कि बाबा खुद अपने हाथों से रबड़ी तैयार करते हैं और श्रद्धालुओं को अपने पास बिठाकर उसे खाने के लिए देते हैं। महंत देव गिरि का यह रबड़ी प्रसाद इन दिनों चर्चा में है। महंत ने महाकुंभ में महानिर्वाणी अखाड़े के गेट के बाहर ही अपनी कुटिया बना रखी है। उसके सामने हर वक्त आग की भट्टी धधकती रहती है और उस पर दूध से भरा हुआ बड़ा सा कड़ाहा चढ़ा रहता है। बाबा खुद अपने हाथों से दूध को तब तक फेंटते रहते हैं, जब तक वह रबड़ी ना बन जाए।

फ्री में खिलाते हैं रबड़ी

महंत देव गिरि और उनकी रबड़ी सोशल मीडिया पर इन दिनों जमकर वायरल हो रही है। इस वजह से त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए महाकुंभ आने वाले श्रद्धालु उनका पता ठिकाना पूछते हुए उन तक पहुंच ही जाते हैं। महंत देव गिरि रबड़ी के बदले किसी से पैसे नहीं लेते हैं और रोजाना पांच सौ लीटर दूध खरीदते हैं।

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जानें, बाबा की संपत्ति के बारे में

बाबा का कहना है कि गुजरात में उनके पास पंद्रह बीघा खेत है। यहां वो साल भर खेती करते हैं। उससे जो भी वो पैसा कमाते है, उसी से महाकुंभ में रबड़ी का भंडारा लगाते हैं. रबड़ी का स्वाद मीठा होता है और वह इसे लोगों को खिलाकर उनके जीवन में भी मिठास भरते हैं। महंत देव गिरि का रबड़ी प्रसाद पाने वाले श्रद्धालुओं का भी यह कहना है कि रबड़ी वाले बाबा महाकुंभ में अनूठे हैं। लोग उनकी रबड़ी की जमकर तारीफ करते हैं।

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