India News UP(इंडिया न्यूज़),Sambhal Masjid Survey Dispute: संभल में हुई हिंसा के बाद अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। संभल के डीएम की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक अगले 24 घंटे तक सिर्फ संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। संभल में जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर सर्वे का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
एक अधिकारी ने बताया, “दंगाइयों ने गोलियां चलाईं और कुछ छर्रे हमारे पुलिसकर्मियों को लगे। हम उन जगहों की जांच कर रहे हैं, जहां गोलियां चलाई गईं, खास तौर पर दीपा सराय इलाके में।” स्थानीय कोर्ट के आदेश पर बीते मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद पिछले कुछ दिनों से संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई है। मालूम हो, स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर कर दावा किया गया है कि जिस जगह जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था।
मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर अंजनेय कुमार सिंह ने संभल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में दंगाइयों के दो-तीन समूह थे जो लगातार फायरिंग कर रहे थे। पुलिस प्रशासन ने सर्वे टीम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उन्होंने कहा कि समूहों में दंगाइयों में से एक समूह के लोग नखासा में जाकर पथराव करने लगे। सिंह ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने उन सभी को खदेड़ दिया। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में 20 से 25 साल की उम्र के तीन लोगों की मौत हुई है।
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान मोहल्ला कोट गर्वी निवासी नईम, सरायतरीन निवासी बिलाल और हयातनगर निवासी नोमान के रूप में हुई है। मंडलायुक्त ने जानकारी दी कि इस हिंसा, फायरिंग और पथराव में पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के पैर में गोली लगी है जबकि उप जिलाधिकारी का पैर टूट गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस क्षेत्राधिकारी को भी छर्रे लगे हैं और अब स्थिति नियंत्रण में है। आयुक्त ने बताया कि पथराव में शामिल दो महिलाओं समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है तथा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इससे पहले एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिलों में आग लगाने की भी कोशिश की। अधिकारी ने बताया कि हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।