India News (इंडिया न्यूज)Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई का काम आज से शुरू हो गया है। रंगाई-पुताई का काम दिल्ली से बुलाए गए पेशेवर पेंटरों से कराया जा रहा है। मस्जिद कमेटी के लोग समेत अन्य पदाधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं। इससे पहले शनिवार को एएसआई के अधिकारियों ने मस्जिद का निरीक्षण किया था।
हाईकोर्ट ने 12 मार्च को मस्जिद के बाहरी हिस्से पर सफेदी कराने की इजाजत दी थी। इससे पहले गुरुवार को जिस परिसर में रंगाई-पुताई होनी थी, उसकी नाप-जोख की गई, जिसके बाद आज से काम शुरू हो गया है। कोर्ट के आदेश पर यह पूरा काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई की निगरानी में होगा, ताकि मस्जिद के संरक्षित हिस्से को कोई नुकसान न पहुंचे।
संभल जामा मस्जिद की सफेदी के काम के लिए शनिवार को ही मजदूर पहुंच गए थे। लेकिन, कुछ देर रुकने के बाद टीम वापस लौट गई। दरअसल, एएसआई की टीम ने जामा मस्जिद कमेटी को रविवार सुबह से सफेदी का काम शुरू करने को कहा था। इस वजह से सफेदी का काम शुरू नहीं हो सका।
एएसआई की ओर से रंगाई के लिए लाए गए ठेकेदार फरमान अली ने बताया कि आज सुबह ही रंगाई करने वाले आ गए। उन्होंने सफेदी मिलाने और आसपास की सफाई शुरू कर दी। साथ ही 2 रंगाई करने वालों ने मस्जिद की सफेदी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि उनके 7 मजदूर यहां आ गए हैं। सफेदी का काम पूरा होने में एक सप्ताह का समय लगेगा। इसे जल्दी पूरा करने के प्रयास करने होंगे।
फरमान अली ने आगे बताया कि रंगाई करने वाले मस्जिद की बाहरी दीवारों की रंगाई कर रहे हैं। यह सफेदी ईद के मद्देनजर की जा रही है। मस्जिद की रंगाई को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सिर्फ बाहरी दीवारों की पेंटिंग की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि एएसआई की टीम ने साफ कर दिया है कि कोई दूसरा रंग नहीं लगाया जाना है। जो पेंट पहले से है, उसी का इस्तेमाल पेंटिंग के लिए किया जाएगा। सिर्फ सफेदी ही की जानी है, कोई दूसरा रंग नहीं लगाया जाएगा।
जामा मस्जिद की पिछली दीवार पर लगे पोस्टरों को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। शनिवार को एएसआई की टीम ने उन पोस्टरों को हटा दिया। पेंटिंग के लिए इन पोस्टरों को हटा दिया गया है। इन हिस्सों की सफाई भी कर दी गई है। दीवार पर 74 उपद्रवियों के पोस्टर लगाए गए थे। इन पोस्टरों को लगाए जाने का जामा मस्जिद कमेटी के सदर ने विरोध किया था।
बता दें कि शाही जामा मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें कमेटी की ओर से रमजान के महीने में मस्जिद की रंगाई-पुताई की अनुमति मांगी गई थी, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने एक सप्ताह के अंदर काम पूरा करने का आदेश दिया था। हालांकि, हिंदू पक्ष की ओर से इस पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां हरिहर मंदिर है। हिंदू पक्ष ने इस दौरान मस्जिद के ढांचे से छेड़छाड़ की आशंका भी जताई थी।