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Shankaracharya Avimukteshwarananda Saraswati A Unique Yoga Is Being Created After 144 Years Shankaracharyas Shocking Statement On The Incident During Mouni Amavasya
144 साल बाद बन रहा ऐसा योग…, ' मौनी अमावस्या में हुए हादसे को लेकर, शंकराचार्य स्वामी का चौंकाने वाला बयान
India News (इंडिया न्यूज़),Shankaracharya Avimukteshwarananda Saraswati: प्रयागराज महाकुंभ में देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं। माघी पूर्णिमा के स्नान से पहले ही कुंभ नगरी श्रद्धालुओं की भीड़ से भर गई है। इस बार कहा जा रहा है कि संगम के तट पर 144 साल बाद दुर्लभ संयोग बना है जिसमें दुनिया का सबसे […]
India News (इंडिया न्यूज़),Shankaracharya Avimukteshwarananda Saraswati: प्रयागराज महाकुंभ में देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं। माघी पूर्णिमा के स्नान से पहले ही कुंभ नगरी श्रद्धालुओं की भीड़ से भर गई है। इस बार कहा जा रहा है कि संगम के तट पर 144 साल बाद दुर्लभ संयोग बना है जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन हो रहा है। इस संयोग का पुण्य कमाने के लिए ज्यादा लोग संगम नगरी पहुंच रहे हैं। लेकिन, अब इस संयोग पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपनी राय रखी है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कुंभ में प्रशासनिक व्यवस्था से लेकर विभिन्न मुद्दों पर लगातार अपनी राय स्पष्ट रूप से देते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मीडिया को दिए इंटरव्यू में इस बार महाकुंभ को लेकर 144 साल बाद बन रहे दुर्लभ संयोग पर अपनी राय रखी।
144 साल के दुर्लभ संयोग पर कही ये बात
शंकराचार्य ने कहा कि जब मेला प्रशासन आधिकारिक तौर पर यह बात कह रहा था, तब उन्होंने मौखिक और लिखित रूप से इसका विरोध किया था और कहा था कि कुंभ को संख्याओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि कुंभ तिथियों और ग्रहों के संयोग से होता है। दरअसल, अगर आप प्रयाग का गजेटियर देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि पिछला कुंभ कब हुआ था। तिथियों के हिसाब से कुंभ माघ महीने में होता है।
इस इंटरव्यू के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाकुंभ से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी बात की और महाकुंभ और संगम की महिमा और शक्ति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संगम में दो धाराएं आपस में मिल रही हैं। संगम हमारी एकता, प्रेम और त्याग का प्रतीक है। साथ ही शंकराचार्य ने मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ऐसा हादसा टाला जा सकता था। जब पता था कि हमारे पास इतनी जगह है, तो पहले से उचित इंतजाम क्यों नहीं किए गए। किसी जिम्मेदार व्यक्ति का यह कहना अनुचित है कि संगम पर कोई दुर्घटना नहीं हुई और हमें अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमारी व्यवस्था में चूक हुई है और इसकी समीक्षा होनी चाहिए।