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India News (इंडिया न्यूज),Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी करते हुए लंबे समय से जमीन हड़पने के मामले में आरोपी अनुराग दुबे को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस को संवेदनशील होना चाहिए, ना कि सिर्फ पॉवर इंजॉय करना चाहिए।
पुलिस की लापरवाही और असंवेदनशील रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके डीजीपी क्या कर रहे हैं? अगर आप मामला दर्ज नहीं करेंगे तो हम ऐसा आदेश देंगे कि आपको सदैव याद रहेगा। पुलिस और सिविल कोर्ट की शक्तियां एक घातक खतरा हैं। हर बड़े आरोप की अधिकारी जांच होनी चाहिए।
इस मामले में आरोपी के वकील ने दावा किया कि अनुराग दुबे हर बार पूछताछ के लिए पेश होता है, लेकिन यूपी पुलिस ने सिर्फ चिट्ठी के जरिए समन भेजा. इस पर कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि आज के दौर में आप चिट्ठी कैसे भेज रहे हैं? आरोपी को बुलाइए और उसे बताइए कि किस थाने में पेश होना है। इतने थाने हैं कि आपको उसे यह भी बताना होगा कि इस बार रेड कार्पेट कहां है।
अनुराग दुबे पर हत्या, जमीन पर कब्जा करने और रंगदारी समेत 63 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, एनएसए और गुंडा एक्ट के तहत भी केस दर्ज हैं। हम निम्नलिखित निर्देश देते हैं कि आरोपी आज एसएचओ को फोन नंबर दे दें और फोन 24 घंटे चालू रहेगा। जांच अधिकारी आरोपी को मामले की जांच के समय, तारीख और स्थान के बारे में सूचित कर सकता है। इसके अलावा आरोपी को नोटिस का जवाब देना होगा और जांच में शामिल होना होगा।
किसी भी परिस्थिति में याचिकाकर्ता को उसके खिलाफ लंबित मामलों या किसी नए मामले में अदालत की पूर्व अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पुलिस उसे अदालत की अनुमति के बिना नए मामलों में गिरफ्तार नहीं करेगी। साथ ही आरोपी को जांच में सहयोग करने और नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया।
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