ADVERTISEMENT
होम / उत्तर प्रदेश / यूपी : फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत, कोर्ट ने खारिज की रिट

यूपी : फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत, कोर्ट ने खारिज की रिट

BY: India News Editor • LAST UPDATED : September 5, 2021, 8:18 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

यूपी : फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत, कोर्ट ने खारिज की रिट

यूपी : फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत, कोर्ट ने खारिज की रिट

इंडिया न्यूज, लखनऊ:
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कोर्ट से राहत मिली है। उन पर फर्जी डिग्री के आरोप पर एक याचिका कोर्ट में दायर हुई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई थी। इसी अर्जी को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह ने आरटीआई कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी के द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के अंतर्गत प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर उनके अधिवक्ता के तर्कों को सुनने एवं कैंट थाने की आख्या का अवलोकन करने के बाद दिया है।
अदालत ने याचिका को नहीं माना आवश्यक
अदालत ने कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश रूटीन तौर पर नहीं दिया जाना चाहिए। संज्ञेय अपराध का होना प्रथम दृष्टया जब तक स्पष्ट न हो,  मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए। अदालत ने प्रार्थना पत्र में केशव प्रसाद मौर्य के विरुद्ध लगाए गए आरोपों पर विचार के बाद प्रार्थना पत्र को पोषणीय नहीं माना।
आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा फर्जी डिग्री के माध्यम से हासिल किया पेट्रोल पंप
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के अंतर्गत प्रयागराज के कर्बला निवासी आरटीआई कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने अदालत से मांग की थी  कि इस प्रकरण में कैंट थाना के प्रभारी को आदेशित किया जाए कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधि अनुसार विवेचना करें। केशव प्रसाद मौर्य पर आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007 में शहर के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने विधानसभा का चुनाव और उसके बाद  कई चुनाव में अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी कागजात का उपयोग किया। इन्हीं कागजात को इंडियन आयल कारपोरेशन में लगाकर पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया गया है। प्रार्थना पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अलग-अलग वर्ष अंकित हैं तथा इनकी मान्यता नहीं है । स्थानीय थाना व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार के विभिन्न अधिकारियों मंत्रालयों को प्रार्थना पत्र दिए गए, परंतु मुकदमा दर्ज नहीं होने के कारण अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया।

 

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT