India News (इंडिया न्यूज), UP News, लखनऊ: यूपी में पिछले साल फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिले 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव में 10 लाख करोड़ रुपये के प्रॉजक्ट 19 फरवारी को जमीन पर उतरने की ओर बढ़ जाएंगे। सोमवार से शुरू होने वाली तीन दिवसीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जीआईएस हो या जीबीसी, ये कोशिश केवल उद्यमियों के लिए नहीं हैं, इसका मुख्य फोकस यूथ पर है। इसलिए, युवाओं को इन अवसरों से परिचित कराना जरूरी है। सीएम के निर्देश पर उद्योग जगत में संभावनाओं व अपेक्षाओं के बारे में युवाओं को बताने के लिए लिए 42 खास लोगों की टीम शनिवार और रविवार को प्रदेश की 42 नामी शिक्षण संस्थाओं में संवाद करेगी। शिक्षण संस्थाओं में संवाद के लिए भेजे जा रहे 42 चेहरों में 12 रिटायर्ड आईएएस, 4 रिटायर्ड आईपीएस, 7 रिटायर्ड आईपीएस और 19 शिक्षाविद शामिल हैं। ये युवाओं से संवाद कर नौकरी व रोजगार से जुड़ी जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे और जीआईएस व जीबीसी के बारे में भी जागरूक करेंगे।
ये भी पढ़ें :-जानें कैसे पड़ा Rishi Kapoor का नाम, भाई रणधीर कपूर ने बचपन का चौंकाने वाला किस्सा किया शेयर
योगी ने शुक्रवार को सभी 42 विशेषज्ञों के साथ शुक्रवार को बैठक की और युवाओं से ‘टॉकिंग पाइंट’ को लेकर सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि उद्योग लगेंगे तो रोजगार के अवसर सृजित होंगे और इसका सीधा लाभ हमारे युवा को होगा। हम अपने युवाओं का कौशल उन्नयन भी कर रहे हैं और उनके लिए रोजगार के अवसर भी बना रहे हैं। यूपी में अपार संभावनाएं हैं। देश और प्रदेश के समग्र विकास में हमें इन संभावनाओं को जमीन पर उतारना होगा। यूपी में विकास में असमानता एक बड़ी समस्या रही है।
सेंट्रल यूपी व एनसीआर की तुलना में पूर्वांचल व बुंदेलखंड का बहुत कम विकास हुआ था। यहां न तो इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलेपमेंट का काम हुआ था न ही लोगों के जीवन स्तर में सुधार के प्रयास। नतीजतन यहां के युवाओं के सामने पलायन का संकट रहा। हमने इस असमान विकास की समस्या के स्थायी निराकरण के लिए ठोस प्रयास किये हैं। अब औद्योगिक विकास केवल एनसीआर अथवा कुछ चुनिंदा नगरों तक सीमित नही है, बल्कि हर एक जिला इससे लाभान्वित है।
ये भी पढ़ें :- Delhi News: JLN स्टेडियम में बड़ी दुर्घटना, लॉन हैंगर गिरने से 8 लोग जख्मी
सीएम ने कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए जरूरी है कि वह योजना जिसके लिए बनाई गई है, उसे उसकी जानकारी हो। अच्छी योजनाएं जागरूकता के अभाव में असफल हो जाती हैं। इसलिए सरकार, इंडस्ट्री और शिक्षण संस्थाओं के बीच सतत संवाद आवश्यक है। संवाद के दौरान सरकार की नीतियों के जरिए पूंजी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों की जानकारी दें।
केंद्र-प्रदेश की युवाओं से जोड़ी योजनाओं से अवगत कराएं। समिट युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए किस प्रकार उपयोगी है, यह भी बताएं। शिक्षण संस्थाओं को अपने सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन करना होगा। यहां अध्ययनरत युवा सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सुगमतापूर्वक परिचित हो सकें, इसके लिए सहज व्यवस्था होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को इसके लिए स्वप्रेरणा से कार्य करना होगा।
राजधानी के शैक्षिक संस्थानों में 12 रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स व शिक्षाविदों की ड्यूटी लगाई है। पूर्व आईएएस नवनीत सहगल आईआईआईटी, मुकुल सिंघल लखनऊ विश्वविद्यालय, राजीव कपूर एकेटीयू, अवनीश अवस्थी आईआईएम लखनऊ, अरविंद कुमार केजीएमयू, टी वेंकटेश लोहिया विधि विवि, विजय शर्मा शकुंतला विधि विवि में युवाओं के साथ सरकार की नीतियों व प्रदेश की निवेश व रोजगार की संभावनाओं पर बात करेंगे। सीएम के सलाहकार केवी राजू भाषा विवि, जीएन सिंह बीबीडी, शिक्षाविद प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल रामस्वरूप मेमोरियल विवि, प्रो. बलराज चौहान इंटीग्रल विवि और प्रो. डीपी सिंह को एसजीपीजीआई में संवाद की जिम्मेदारी दी गई है।
ये भी पढ़ें :-Ravindra Jadeja: इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में Ashwin…
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.