India News (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 2019 में हारी हुई 14 लोकसभा सीटों पर विशेष अभियान चलाएगी,बनाई जा रही है सूची।
अब सभी मठों और मंदिरों में संपर्क अभियान चलाने की तैयारी की है। इन लोकसभा में सभी मंदिरों और मठों के साथ सभी धर्मों के आराधना स्थलों, सामाजिक, सांस्कृतिक स्थानों की सूची बनाकर उन तक पहुंचने को कहा गया है। हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक के बाद इन लोकसभा सीटों पर नए सिरे से संपर्क का प्लान तैयार किया गया है। इस पर इसी महीने से काम शुरू किया जा रहा है।
खिचड़ी और समरसता भोज जैसे आयोजन
बीजेपी की नजर सभी धर्मों के धर्मगुरुओं के साथ उनके अनुनायियों पर भी है। इसके लिए हर विधानसभा में आने वाले मठ-मंदिरों और धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों की सूची तैयार करना शुरू कर दी गई है। इनकी सूची बनाकर भाजपा कार्यकर्ता यहां संपर्क के साथ खिचड़ी और समरसता भोज जैसे आयोजनों से अनुनायियों तक पहुंचेंगे।
जनप्रतिनिधियों तक पहुंचेगी पार्टी
बीजेपी 2019 में हारी हुई सीटों पर खास फोकस कर रही है। । इनमें रायबरेली, लालगंज, संभल, मुरादाबाद, मैनपुरी, गाजीपुर, घोसी, श्रावस्ती, अमरोहा, बिजनौर, जौनपुर, नगीना, सहारनपुर और अम्बेडकर नगर लोकसभा सीटें हैं, जिसे भाजपा जीत नहीं सकी थी। दो साल से इन सीटों पर केंद्रीय मंत्रियों और पदाधिकारियों के जरिए काम कर रही बीजेपी ने अब इन सीटों के लिए विशेष प्लान तैयार किया है।
हर विधानसभा में सूची तैयार
बीजेपी ने इन लोकसभा में अपने कार्यकर्ताओं से सबसे पहले हर दल के पूर्व जनप्रतनिधियों से संपर्क करने को कहा है। इनमें पूर्व प्रधान, पार्षद से लेकर पूर्व मेयर, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष और पूर्व विधायक-पूर्व सांसद शामिल हैं। हर विधानसभा में इनकी सूची तैयार करने को कहा गया है। इसके बाद इनसे संपर्क कर उन्हें भाजपा की रीति-नीति समझायी जाएगी।
नजदीक लाएंगे बूथ, बढ़ाएंगे नए वोटर
इन लोकसभा सीटों में बूथों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब इन लोकसभा सीटों पर बीजेपी बूथवार अभियान चला रही है। यह अभियान जनवरी तक चलाया जाएगा। इनमें वार्ड अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष और लोकसभा संयोजक और प्रभारी मिलकर बूथों के गठन की प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे।
वह अपनी विचारधारा वाले मतदाताओं के सभी बूथों को नजदीक लाने में जुटेंगे। इसके लिए चुनाव आयोग के साथ मिलकर कार्यकर्ता सुझाव देंगे। यही नहीं मतदाता पुनरीक्षण अभियान में सभी को अपने नए वोटर भी बढ़वाने हैं। जिनके नाम कट गए हैं, उन्हें भी जुड़वाने में बीजेपी कार्यकर्ता जुटेंगे।
हारी सीटों पर बीजेपी का फोकस
बीजेपी ने यूपी में 2014 में 73 सीटें जीती थीं। इस चुनाव में विपक्ष के पास केवल सात सीटें ही थीं। 2019 में बीजेपी सिर्फ 16 सीटें ही जीत नहीं पाई थी। इनमें से भी उसने उपचुनाव में रामपुर जीतकर उसकी उम्मीद भी बढ़ी है। अब केवल 14 ही ऐसी सीटें हैं, जिन्हें बीजेपी को विपक्ष से अपने पाले में करना है। बीजेपी की अब सारी कोशिश विपक्ष की जीती हुई इन्हीं सीटों में सेंधमारी करने की है। इसमें विपक्ष के पूर्व जनप्रतिनिधियों को भी साधने की कोशिश की जा रही है।
विपक्ष पूरा एकजुट
चूंकि इस वक्त पूरा विपक्ष एकजुट हो रहा है तो बीजेपी उनके ही गढ़ वाली सीटों पर पूरा जोर लगा रही है। बीजेपी का यह भी मानना है कि अगर जीती हुई 66 सीटों में किसी भी सीट पर जोखिम होता है तो उसकी पूर्ति भी इन सीटों को जीतकर की जा सकती है। इस कोशिश में ही मंदिरों और मठों को भी अपना बनाया जा रहा है ताकि उनके अनुयायी भी बीजेपी के हो सकें।
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