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Apple Hacking Case: एपल फोन हैकिंग मामले में अश्विनी वैष्णव का बड़ा बयान, जानें क्या कहा

Shanu kumari • LAST UPDATED : October 31, 2023, 5:03 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Apple Hacking Case: एपल आईफोन हैकिंग के मामले में केंद्र सरकार ने विपक्ष के दावों को मंगलवार (31 अक्टूबर) को खारिज कर दिया है। साथ ही इस मामले में केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विन वैष्णव ने जांच का आदेश भी दिया है। आईटी मंत्री उन्होंने कहा कि साथियों द्वारा एपल अलर्ट के बारे में संदेश दिया गया है। ऐसे में हम मामले की जांच कर रहे हैं।

  • एपल ने अनुमान के आधार पर मैसेज भेजा है
  • जब कोई मुद्दा नहीं होता है तो कहते हैं कि हम पर निगरानी हई

150 देशों में एडवाइजरी जारी

उन्होंने विपक्ष द्वारा किए गए हमले को लेकर कहा कि ”कुछ हमारे आलोचक हैं जो झूठे आरोप हमेशा लगाते रहते हैं। ये देश की प्रगति नहीं चाहते। एपल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है। एपल ने अनुमान के आधार पर मैसेज भेजा है। एपल ने अपना स्पष्टीकरण जारी कर दिया है।” आगे उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की आदत है। जब कोई मुद्दा नहीं होता है तो कहते हैं कि हम पर निगरानी हई है। कुछ सालों पहले भी यह आरोप लगाए गए थें। जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया गया, लेकिन इस मामले में कुछ नहीं निकला। बता दें कि प्रियंका गांधी ने कुछ समय पहले दावा किया था कि उनके दो बच्चों का फोन हैक हुआ था, लेकिन जांच में यह बात साबित नहीं हो पाई।

एपल से मिली चेतावनी

बता दें कि विपक्षी नेताओं द्वारा सरकार पर जासूसी का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की महुआ मोइत्रा और आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा के अलावा विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें एपल से एक चेतावनी दी गई है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी अडानी से जुड़ा मामला उठाया जाता है तो एजेंसियां जासूसी में लग जाती हैं। उन्होंने कहा कि ”नरेंद्र मोदी की आत्मा अडानी में है। तोता कहीं बैठा है, राजा कहीं और बैठा हुआ है। हकीकत यह है कि सत्ता अडानी जी के हाथ में हैं।”

एपल ने बताई वजह

हैकिंग को लेकर एपल द्वारा कहा गया कि ”इस बारे में जानकारी नहीं दे सकते कि किस वजह से खतरे की चेतावनी दी जाती है। क्योंकि इससे राज्य प्रायोजित हमलावरों को बचने में मदद मिलने की संभावना है। खतरे की चेतावनी के लिए किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। हमलावर आर्थिक व तकनीकी रूप से प्रभावशाली हैं, अकसर हमलों का पूर्ण तरीके से पता नहीं लग पाता है।”

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