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India News (इंडिया न्यूज़), (Arshad) UP News : 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों की तैयारियां जोरों पर हैं। इन सब के बीच गठबंधन और सियासी दलों से नेताओं का आना-जाना भी लगा हुआ है। इन सबके बीच जहां यूपी में समाजवादी पार्टी गठबंधन में दरार की चर्चाओं के बीच अखिलेश यादव को एक बड़ा झटका लगा है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के तीन बड़े यूथ लीडरों ने बगावत कर दी है। अखिलेश यादव के कभी बहुत करीबी रहे लोहिया वाहिनी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप तिवारी के साथ यूथ विंग के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव और यूथ लीडर पीडी तिवारी ने अब अपने ही नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
समाजवादी पार्टी छोड़ने के साथ ही तीनों नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके करीबियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसमें इन नेताओं की सबसे ज्यादा नाराजगी स्वामी प्रसाद मौर्य और उदयवीर सिंह को लेकर दिखाई दी। इसके अलावा PDA के मुद्दे को लेकर भी इन नेताओं की तरफ से साफ तौर से कहा जा रहा है कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने अखिलेश यादव को समझने की कोशिश की। लेकिन उन्हें पार्टी अध्यक्ष की तरफ से निराशा हाथ लगी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी छोड़ने वाले इन तीनों नेताओं ने आने वाले समय में समाजवादी पार्टी के खिलाफ एक युवाओं का अलग मोर्चा तैयार करने की घोषणा कर दी है। जिसकी सितंबर से शुरुआत होगी।
समाजवादी पार्टी के कई फ्रंटल संगठनों में अलग-अलग जिम्मेदारी निभाने वाले प्रदीप तिवारी का कहना है कि हम लोगों ने अखिलेश यादव से पीडीए के मुद्दे पर जब विचार विमर्श किया तो उन्होंने हमें सुनने से मना कर दिया। इसके साथ ही प्रदीप तिवारी का कहना है जब स्वामी प्रसाद मौर्य के इशारे पर रामचरितमानस को जलाया जा रहा था तब भी उन्होंने इसका विरोध किया, लेकिन वहां भी उनको नहीं सुना गया। उनका कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से जो भी बयान दिए जा रहे हैं वह अखिलेश यादव की सहमति से दिए जा रहे हैं।
वहीं इसके आगे उन्होंने कहा कि इसका परिणाम भी अखिलेश यादव को भुगतना पड़ेगा और आने वाले चुनाव में उन्हें इसका काफी नुकसान भी होगा। इसके साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव से सवाल करते हुए कहा कि वह अपने भविष्य की तो बात करते हैं लेकिन क्या उन्होंने हम लोगों के भविष्य के बारे में सोचा है?
2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे पीडी तिवारी ने भी समाजवादी पार्टी में अपने और अपने समाज की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी में लगातार संघर्षशील कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। वहीं जमीन पर संघर्ष करने वाले नेता अब पार्टी को छोड़ कर जा रहे हैं। यही कारण है कि ओमप्रकाश राजभर और संजय निषाद जैसे नेताओं के साथ भी समाजवादी पार्टी का गठबंधन नहीं चल पाया।
उन्होने आगे कहा कि अखिलेश यादव जिस PDA की बात कर रहे हैं। वह इन नेताओं के पास है, फिर भी अखिलेश यादव अपने कुछ करीबी उदयवीर सिंह जैसे नेताओं के कहने पर इन लोगों को नजरअंदाज कर रहे हैं और स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं को बढ़ावा दे रहे हैं। इन्हीं नेताओं के कारण अखिलेश यादव ब्राम्हण, ठाकुर और सामान्य वर्ग के नेताओं से नफरत करने लगे हैं और उन्हें अब तवज्जो नहीं दी जा रही। इसी कारण रिचा सिंह और रोली तिवारी जैसे नेता भी पार्टी छोड़ कर चले गए।
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