India News (इंडिया न्यूज), UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में शीतलहर का कहर लगातार जारी है। लखनऊ समेत प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन सबसे राहत वाली बात यह है कि दिन में खिली तेज धूप से लोगों को राहत मिल रही है, लेकिन रात में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। IMD के अनुसार, शीतलहर का कहर अभी जारी रहने वाला है। सोमवार को कड़ाके की ठंड के साथ घने कोहरे का असर भी देखने को मिल सकता है।
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UP Weather Update
हालांकि, इस दौरान मौसम साफ रहने वाला है। 14 जनवरी को भी प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। प्रदेश के दोनों हिस्सों में घने कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है। 15 और 16 जनवरी को प्रदेश में बारिश की संभावना है। इस दौरान घने कोहरे के अलर्ट के साथ ही कुछ स्थानों पर बहुत हल्की तो कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना है। उत्तर प्रदेश में शीतलहर का कहर जारी है।
लखनऊ समेत प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन सबसे राहत वाली बात यह है कि दिन में खिली तेज धूप से लोगों को राहत मिल रही है। मगर रात में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। IMD की रिपोर्ट के अनुसार, शहर में शीतलहर का कहर अभी जारी रहने वाला है। सोमवार को कड़ाके की ठंड के साथ घने कोहरे का असर भी देखने को मिलने वाला है। 14 जनवरी को भी प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। उसके बाद प्रदेश में फिर मौसम बदलेगा। 15 और 16 जनवरी को प्रदेश में बारिश की संभावना है। इस दौरान घने कोहरे के अलर्ट के साथ ही कुछ स्थानों पर बहुत हल्की तो कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना है।
उन्नाव में सोमवार को कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। घना कोहरा और बर्फीली हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान 11 डिग्री तक गिर गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार रात से ही शहर में कोहरे की मोटी चादर छाई रही, जिसके कारण वाहन चालकों को काफी सावधानी बरतनी पड़ी। हाईवे, बैराज मार्ग और आजाद मार्ग पर वाहन धीमी गति से चलते नजर आए। खासकर दोपहिया वाहन चालकों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर रही। खेतों में जमी पाले की मोटी परत से फसलों को नुकसान की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। शहर के बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा और दुकानदारों व मजदूरों का कामकाज प्रभावित हुआ। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी कम रही।