India News (इंडिया न्यूज़) Uttar Pradesh : हर साल 2 अक्टूबर को, हमारे देश में मोहनदास करमचंद गांधी के जन्म की याद और सम्मान में गांधी जयंती मनााई जाती है। बता दें कि आज लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती भी मनाई जा रही है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGIMS) ने सोमवार, 2 अक्टूबर के दिन दोनों महान नेताओं को श्रद्धांजलि दी। यूपी की राजधानी लखनऊ में एस.जी.पी.जी.आई.एम.एस ने  महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की 154वीं और 118वीं जयंती मनाई गई।

गांधी अहिंसा और शास्त्री सरलाता के प्रतीक

  • महात्मा गांधी, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता और अहिंसा के वैश्विक प्रतीक हैं। इस दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।
  • लाल बहादुर शास्त्री की विनम्रता, सरलता और आम लोगों के कल्याण के प्रति समर्पण को आदर के साथ याद किया जाता है। उनका प्रतिष्ठित नारा, ” जय जवान, जय किसान” राष्ट्रीय एकता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
  • सोमवार को न्यू लाइब्रेरी कॉम्प्लेक्स, (SGPGIMS) में दोपहर 12 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक लगभग 70 से 80 लोगों की उपस्थिति में मनाया गया।

SGPGIMS के कई दिग्गज रहे मौजूद

जानकारी के मुताबिक उत्सव की शुरुआत दोनों महान नेताओं को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। डॉ. आर. हर्षवर्द्धन, विभागाध्यक्ष, अस्पताल प्रशासन द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया। इस कार्यक्रम में SGPGIMS के प्रो. आर. के. धीमान (निदेशक), प्रो. नारायण प्रसाद (अतिरिक्त निदेशक), प्रो. राजन सक्सेना (सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी), प्रो. शालीन कुमार, (डीन), प्रो. गौरव अग्रवाल, (विभागाध्यक्ष, एंडोक्राइन ब्रेस्ट सर्जरी) मौजूद रहे।

अहिंसा का दिया संदेश

बता दें कि एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रो. आर. के. धीमान ने कहा आज के समय में अहिंसा के संदेश की प्रासंगिकता पहले से भी ज्यादा बढ़ गया है। डॉ. आर. हर्षवर्द्धन  ने कहा हमें एक व्यक्ति के रूप में महात्मा गांधी के बारे में पढ़कर, उनके बारे में सीखते हुए उनके दर्शन को आत्मसात करके उनके बारे में जानने का प्रयास करना चाहिए। प्रो. शालीन कुमार ने अहिंसा की अवधारणा पर प्रकाश डालकर दर्शकों को जागरुक किया।

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