Hindi News / Uttar Pradesh / Yogi Governments Big Leap In Basic Education Unprecedented Improvement In Childrens Reading And Calculation Ability

बुनियादी शिक्षा में योगी सरकार की बड़ी छलांग, बच्चों की पढ़ाई और गणना क्षमता में अभूतपूर्व सुधार'

India News (इंडिया न्यूज),CM Yogi Adityanath : वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय औसत से नीचे रहने वाली बच्चों की पढ़ाई और गणना क्षमता में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। हालांकि, निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन और सतत प्रयासों के चलते, 2024 की ASER रिपोर्ट में चौंकाने वाले सकारात्मक […]

By: Ajeet Singh

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India News (इंडिया न्यूज),CM Yogi Adityanath : वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय औसत से नीचे रहने वाली बच्चों की पढ़ाई और गणना क्षमता में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। हालांकि, निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन और सतत प्रयासों के चलते, 2024 की ASER रिपोर्ट में चौंकाने वाले सकारात्मक बदलाव दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा तीन के बच्चों के पढ़ने के स्तर में 8.3% अंक और गणितीय दक्षता में 7% अंक का सुधार हुआ है।

71.4% तक पहुंच गई

देशभर में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को मापने और छात्रों की बुनियादी पढ़ने एवं गणना करने की क्षमताओं का आकलन करने वाला स्वतंत्र सर्वेक्षण ASER 2024 रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में जहां परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की औसत उपस्थिति 59.9% थी, लेकिन 2024 में यह बढ़कर 71.4% तक पहुंच गई, जो एक सकारात्मक संकेत है। इसी तरह, शिक्षकों की उपस्थिति भी 2018 में 85.2% थी, जो 2024 में 85.5% तक पहुंच गई है।

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बच्चों की पढ़ने लिखने की क्षमता में हुआ सुधार

बच्चों की पढ़ने-लिखने की क्षमता में भी निरंतर सुधार हो रहा है। 2018 में कक्षा तीन के केवल 12.3% छात्र ही कक्षा दो का पाठ पढ़ने में सक्षम थे, लेकिन 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 27.9% हो गया है। इसी तरह, कक्षा पांच के छात्रों की पढ़ने की क्षमता भी 2018 में 36.2% थी, जो 2024 में 50.5% तक पहुंच गई। वहीं, कक्षा आठ के छात्रों में यह प्रतिशत 2022 में 62.6% था, जो 2024 में बढ़कर 67.3% हो गया।

गुजरात और तमिलनाडु जैसे शीर्ष राज्यों की श्रेणी में शामिल हुआ यूपी

कक्षा तीन के बच्चों के पढ़ने का स्तर 8.3% अंक बढ़ा है, जबकि कक्षा तीन और पांच के बच्चों की अंकगणितीय दक्षता में 7% अंक की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष वर्ष 2018 में कक्षा 3 के बच्चों की पढ़ने की क्षमता का स्तर 12.3% था, जो 2024 में बढ़कर 24.7% हो गया है, यानी कुल 15.6 प्रतिशत अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, गणितीय दक्षता के स्तर में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2018 में जो क्षमता 11.2% थी, वह वर्ष 2024 में बढ़कर 31.6% तक पहुंच चुका है। इस प्रकार, कुल 20 प्रतिशत अंकों की वृद्धि के साथ उत्तर प्रदेश अब गुजरात और तमिलनाडु जैसे शीर्ष राज्यों की श्रेणी में शामिल हो गया है।

राष्ट्रीय औसत से अधिक है शिक्षक उपस्थिति

वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2024 में शिक्षकों की उपस्थिति दर भी बढ़ी है। अब शिक्षकों की उपस्थिति 87.5% और छात्रों की उपस्थिति दर 75.9% तक पहुंच गयी है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। इसके साथ ही, सरकार ने स्कूलों के बुनियादी ढांचे में बड़े सुधार किए हैं, जिनमें कार्यशील बालिका शौचालयों की संख्या में वृद्धि, पेयजल की सुविधा में सुधार और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम शामिल हैं। इसके अलावा, 14 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों के बीच स्मार्टफोन एक्सेस में 15.2% की वृद्धि दर्ज की गई है।

हर बच्चे को बुनियादी साक्षरता और गणना में दक्ष करना है लक्ष्य: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा, “पिछले छह वर्षों में हुए इन सुधारों ने उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की कतार में ला खड़ा किया है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2025 तक हर बच्चे को बुनियादी साक्षरता और गणना में दक्ष करने का लक्ष्य रखा गया है।”

असिस्टेंट डायरेक्टर ने कहा

असिस्टेंट डायरेक्टर (बेसिक) और समग्र शिक्षा के गुणवत्ता यूनिट प्रभारी आनंद पाण्डेय का कहना है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए ‘निपुण भारत मिशन’ को अत्यधिक प्रभावी तरीके से लागू किया। प्राथमिक स्तर के बच्चों को पढ़ने, लिखने और गणना करने में बच्चों को सक्षम बनाया गया। स्कूलों में पाठ्यक्रम को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाते हुए शिक्षकों के प्रशिक्षण, डिजिटल निगरानी और बुनियादी सुविधाओं में भी व्यापक सुधार किए गये।

ये हैं ‘सुधार की वजहें’

– व्यापक नीतिगत सुधार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री, प्रशिक्षित शिक्षकों की भूमिका और प्रभावी निगरानी व्यवस्था।

– स्कूलों की दीवारों पर लिखे रंगीन और ज्ञानवर्धक सामग्री

– बच्चों को सिखाने के लिए प्रिंट-रिच सामग्री, बड़ी किताबें, गणितीय किट्स और अन्य शिक्षण संसाधन की उपलब्धता

– हर स्कूल में निपुण तालिका लगाकर बच्चों की प्रगति पर लगातार नजर रखना

– प्रदेश के पाँच लाख से ज्यादा शिक्षकों को निर्धारित पाठ योजना के माध्यम से उनकी कक्षाओं में पढ़ाई को बेहतर बनाना।

– प्रत्येक छात्र को प्रतिदिन वर्कबुक देकर उनके द्वारा सीखी गई अवधारणाओं को प्रभावी रूप से अभ्यास करना।

– शिक्षकों को दक्षता-आधारित शिक्षण पद्धतियों से जोड़ाना

– शिक्षक प्रशिक्षण के तहत पहले चरण में 300 स्टेट रिसोर्स ग्रुप (SRG) का प्रशिक्षण

– दूसरे चरण में 4,425 एआरपी और तीसरे चरण में 4.76 लाख शिक्षकों को चार दिवसीय प्रशिक्षण।

– 225 विशेषज्ञों और 4,400 शैक्षणिक संसाधन व्यक्तियों की नियुक्ति कर हर महीने 1 लाख से अधिक स्कूलों के दौरों से शिक्षकों को सहयोग।

– शिक्षकों और प्रशासनिक स्तरों के साथ सतत एवं केंद्रित संवाद और नियमित यू-ट्यूब लाइव, ज़ूम सत्र, व्यक्तिगत बैठकें।

– शिक्षक संकुल बैठकें, दीक्षा प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिजिटल लर्निंग और यू-ट्यूब लाइव सेशन से शिक्षकों का सतत मार्गदर्शन।

आंकड़े एक नज़र में…

– कक्षा तीन के बच्चों के पढ़ने का स्तर 8.3% अंक बढ़ा।

– कक्षा तीन और पांच के बच्चों की अंकगणितीय दक्षता में 7% अंक की बढ़ोतरी हुई।

– शिक्षकों की उपस्थिति दर 87.5% रही।

– छात्रों की उपस्थिति दर 75.9% रही।

– 14 से 16 वर्ष के बच्चों के बीच स्मार्टफोन एक्सेस में 15.2% की वृद्धि हुई।

 

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