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Uttarakhand Politics Rakesh Tikaits Entry In Champion Umesh Kumar Dispute Will The Matter Be Resolved
चैंपियन-उमेश कुमार विवाद में राकेश टिकैत की एंट्री, क्या सुलझेगा मामला?
India News (इंडिया न्यूज़),Uttarakhand Politics: हाल ही में उत्तराखंड के खानपुर में पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और वर्तमान विधायक उमेश कुमार के बीच विवाद देखने को मिला था। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। अब किसान नेता राकेश टिकैत इस विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय किसान […]
India News (इंडिया न्यूज़),Uttarakhand Politics: हाल ही में उत्तराखंड के खानपुर में पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और वर्तमान विधायक उमेश कुमार के बीच विवाद देखने को मिला था। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। अब किसान नेता राकेश टिकैत इस विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने डाम कोठी स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में चैंपियन की पत्नी कुंवरानी देवयानी सिंह और लक्सर से पूर्व भाजपा विधायक संजय गुप्ता से मुलाकात की है।
क्योंकि यह समाज के लिए नुकसानदेह होगा
इस दौरान राकेश टिकैत ने उनसे और समर्थकों से आग्रह किया कि इस झगड़े को जाति आधारित संघर्ष का रूप न लेने दें, क्योंकि यह समाज के लिए नुकसानदेह होगा। चैंपियन जहां गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, वहीं कुमार ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। मुलाकात के बाद टिकैत ने कहा कि गुज्जर और ब्राह्मण दोनों समुदाय सदियों से देश की एकता और अखंडता के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। अगर इस विवाद को जाति आधारित कर दिया जाए तो इसका असर हर गांव में देखने को मिलेगा।
टिकैत ने कहा कि अगर दोनों के बीच आपसी समझौता हो जाता है तो दोनों पक्षों पर दर्ज मुकदमे वापस ले लिए जाएं। टिकैत ने चैंपियन से हरिद्वार जिला जेल में मुलाकात की, जहां वह बंद हैं। कुमार के कैंप कार्यालय पर फायरिंग के मामले में कोर्ट ने हाल ही में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
पूर्व विधायक और मौजूदा विधायक के बीच विवाद में कई राउंड फायरिंग हुई। जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उमेश कुमार को तुरंत जमानत मिल गई, जबकि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को रिमांड पर भेज दिया गया। यही वजह है कि गुर्जर समाज में आक्रोश पनप रहा है। समाज ने इस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि अगर 5 फरवरी तक उन्हें रिहा नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।