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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) को लेकर फिर से बड़ा अपडेट आया है। बताया गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच 2 महीने से जारी जंग के कारण सरकार इस आईपीओ का साइज 40 प्रतिशत तक कम कर सकती है। हालांकि इसके बावजूद यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
जानकारी के मुताबिक एलआईसी आफिशियल्स अगले 2 हफ्ते में इसकी लिस्टिंग पूरा करना चाहती है। एलआईसी का वैल्यूएशन करीब 6 लाख करोड़ रुपये होने के आसार हैं। एलआईसी (LIC) 30 हजार करोड़ रुपये (390 करोड़ डॉलर) का आईपीओ ला सकती है जो पहले के अनुमानों के मुताबिक करीब 40 फीसदी कम है। फिलहाल तक इस आईपीओ के जरिए सरकार 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही थी।
बता दें कि यदि सरकार 12 मई तक एलआईसी का आईपीओ नहीं लाती है तो बाजार नियामक सेबी के पास फिर से कागजात जमा कर मंजूरी लेनी होगी। यदि ऐसा होता है तो इस आईपीओ में और देरी हो सकती है।
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यूक्रेन और रूस युद्ध के कारण निवेशकों का रवैया नकारात्मक हो रहा है। जब से युद्ध शुरू हुआ है तभी से शेयर बाजार में उथल पुथल जारी है। इसी कारण सरकार ने इस आईपीओ को लाने में और वक्त लिया था, ताकि बाजार में जारी उथल पुथल खत्म हो जाएं और बाजार स्थिर हो जाएं। लेकिन भारतीय बाजारों में अभी भी विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। इन सबके चलते सरकार एलआईसी आईपीओ का आकार घटाने पर विचार कर रही है।
बता दें कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम में 5 प्रतिशत हिस्सेदार यानि कि लगभग 31.6 करोड़ शेयर बेचकर 60,000 करोड़ रुपए बाजार से जुटाना चाहती है। ये IPO भारतीय शेयर बाजार में अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा।
शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन RIL और TCS जैसी टॉप कंपनीज के बराबर हो जाएगा। फिलहाल भारत में अभी तक सबसे बड़े IPO का रिकॉर्ड पेटीएम के नाम है। 2021 में पेटीएम ने आईपीओ के जरिए 18,300 करोड़ रुपए जुटाए थे।
जानना जरूरी है कि एलआईसी में सरकार के पास 100 फीसदी हिस्सेदारी यानी 632.49 करोड़ शेयर हैं। कंपनी के शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है। सरकार कंपनी की वैल्यूएशन बेशक घटा दे, उसके बाद भी यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इसके अलावा एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) इश्यू साइज का 10 फीसदी तक पॉलिसीधारकों के लिए और 5 फीसदी कर्मचारियों के लिए आरक्षित हो सकता है।
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