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अवैध झुग्गियों को हटाए जाने पर आग लगाकर शख्स ने दी जान, SC ने कहा- नहीं रुकेगी कार्रवाई

BY: India News Desk • LAST UPDATED : May 9, 2022, 7:17 pm IST
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अवैध झुग्गियों को हटाए जाने पर आग लगाकर शख्स ने दी जान, SC ने कहा- नहीं रुकेगी कार्रवाई

Demolition of illegal slums in Tamil Nadu

इंडिया न्यूज़, चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में अवैध झुग्गियों को तोड़े जाने के विरोध में कन्नैयन नाम के एक व्यक्ति ने खुद को आग लगाकर अपनी जान दे दी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद सीएम स्टालिन ने कन्नैयन के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कार्रवाई नहीं रुकेगी।

Demolition of illegal slums in Tamil Nadu

Demolition of illegal slums in Tamil Nadu

इस मामले में वहां विरोध और राजनीति शुरू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई रोकने से इनकार करते हुए कहा, हमारे आदेशों के अनुरूप अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोके जाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।

Demolition of illegal slums in Tamil Nadu

Demolition of illegal slums in Tamil Nadu

बता दें कि चेन्नई में जब अधिकारी बकिंघम नहर के पास गोविंदसामी नगर में अवैध झुग्गियों को हटाने गए थे तो इस कार्रवाई का विरोध करते हुए 60 साल के कन्नैयन ने सभी के सामने खुद का आग लगा ली थी। इसके बाद अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच हाथापाई भी हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप तोड़फोड़ अभियान को रोक दिया गया था।

जल संसाधन विभाग ने यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई से एक दिन पहले की थी। वहां के निवासियों ने इसकी शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि तोड़फोड़ की यह कार्रवाई तमिलनाडु सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी का पालन किए बिना हो रही है।

Demolition of illegal slums in Tamil Nadu

जिस इलाके में यह कार्रवाई की जा रही थी वहां के निवासियों ने सेमेनचेरी या पेरुम्बक्कम में घर देने की जगह किसी अच्छी जगह की मांग की थी, क्योंकि जिन दो इलाकों का उन्हें विकल्प दिया गया था वो शहर से काफी दूर है।

वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने चेन्नई में 100 झुग्गी बस्तियों को तोड़े जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जहां इन्हें जगह दी जा रही है वो इलाका बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इसलिए इस पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए।

इस पर जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा, हम कल (मंगलवार) इस पर सुनवाई करेंगे लेकिन हम कोई कार्रवाई नहीं रोक रहे हैं। हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि अधिकारी हमारे आदेशों के अनुसार कार्रवाई नहीं करेंगे. अगर हमें लगता है कि दिए गए आदेश में हमारे हस्तक्षेप की आवश्यकता है तो हम देखेंगे।

कॉलीवुड के निर्देशक और दलित अधिकार कार्यकर्ता पा रंजीत ने इसे चेन्नई के लोगों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई बताया। उन्होंने ट्वीट में कहा, ”क्या कोर्ट का आदेश इन लोगों पर लागू होता है? क्या उन्हें शहर से हटाने की एकमात्र योजना है? तमिलनाडु सरकार कब इन लोगों के अधिकारों और भावनाओं का सम्मान करेगी?”

वहीं पीएमके नेता रामदास ने इस कार्रवाई की निंदा की और दावा किया कि कन्नैयन के आत्मदाह के प्रयास के बारे में सुनकर वह स्तब्ध थे। रामदास ने लोगों को झुग्गियों से हटाए जाने के अभियान को तुरंत रोकने की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, “उनके घरों को अतिक्रमण कहकर गिराना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।”

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