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Mumbai News: आख़िर शरद पवार पर भरोसा क्यों नहीं कर पा रहा है विपक्ष? जाने क्या है मामला..

India News (इंडिया न्यूज़), Abhishek Sharma, Mumbai: महाराष्ट्र और देश की राजनीति में फिर से एक बार शरद पवार को लेकर चर्चा ज़ोरों पर होने लगी है। जब से अजीत पवार बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं, तभी से ये चर्चा ज़ोरों पर हो रही हैं ये सब कुछ चाचा का […]

BY: Itvnetwork Team • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज़), Abhishek Sharma, Mumbai: महाराष्ट्र और देश की राजनीति में फिर से एक बार शरद पवार को लेकर चर्चा ज़ोरों पर होने लगी है। जब से अजीत पवार बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं, तभी से ये चर्चा ज़ोरों पर हो रही हैं ये सब कुछ चाचा का ही कमाल है।

एक बड़े ही सोची समझी रणनीति के तहत शरद पवार ने चाल चली है और इसमें कामयाब होते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। अब सिर्फ़ बाक़ी इतना रह गया हैं की वह ख़ुद कब खुलेआम मोदी और अजीत पवार के साथ चाय पीते हैं।

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Sharad Pawar

महाराष्ट्र हो या फिर केन्द्र में दोनों जगहों पर बीजेपी की ही सत्ता…

शरद पवार के बारे में हमेशा से कहा जाता है की वह सत्ता से दूर या सत्ता उनसे दूर कभी भी नहीं होती हैं। वह हमेशा उसके साथ ही रहे हैं। अब इस बार भी उन्हें लग रहा है चाहे महाराष्ट्र हो या फिर केन्द्र में दोनों जगहों पर बीजेपी की ही सत्ता आने वाली हैं। तो उन्होंने अपनी गणित पहले से ही सेट कर लिया है ताकि कही देर ना हो जाए। क्योंकि वह राजनीति के मौसम वैज्ञानिक भी जो हैं।

शरद पवार के कथनी और करनी में बड़ा अंतर हैं…

जुलाई महीने में जब अजीत पवार ने बग़ावत की थी उस वक्त तो शरद पवार ने ऐलान कर दिया था की, वह महाराष्ट्र में घूम घूम कर अजीत पवार और उनके लोगो के ख़िलाफ़ प्रचार करेंगे। जनता के बीच जाएँगे, उन सभी की कलई खोलेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं अब तक। यानी शरद पवार ने जो कहा वह किया नहीं। इसीलिए पवार के बारे में कहा भी जाता हैं की उनकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर हैं। वह जो कहते हैं ये कभी भी नहीं समझना चाहिए की शरद पवार ठीक वैसा ही करेंगे।

अलग अन्दाज़ में अपनी बातें कह डालते हैं शरद पवार…

शरद पवार से जब पूछा गया की अपने पास कितने विधायक बच्चे हैं तो उन्होंने कहा की “शून्य” और फिर उसके बाद हंसने लगे और यही पवार ने बड़ा इशारा कर दिया। समझने वाले समझ गए की वह क्या बोलना चाह रहे हैं। शरद पवार की यही चतुराई है की वह कुछ अलग अन्दाज़ में अपनी बातें कह डालते हैं और फिर ख़ुद से ही उसका मज़ाक़ बना देते हैं।

अब बयान बदल गया है शरद पवार का…

सच तो यही की अजीत पवार लगातार दावा कर रहे हैं की लगभग सभी विधायक इनके पास हैं और इसके पहले शरद पवार ने कहा था की अधिकतम मेरे साथ हैं। लेकिन अब बयान बदल गया है शरद पवार का। अभी तक शरद पवार कह रहे थे चुनाव चिह्न हमारे पास ही रहेगा लेकिन अब पहली बार ऐसा कहा की चुनाव चिह्न जाए या रहे इसकी मुझे चिंता नहीं हैं।

सबसे आश्चर्य की बात ये रही की मुंबई में महाराष्ट्र विधान सभा का मानसून सत्र क़रीबन 20 दिनों तक चला और इस पूरे सत्र में जो विधायक ये कहते थे की वह शरद पवार गुट के साथ हैं या तो विधान सभा में अधिकतर दिखे नहीं और जो दिखे भी वह नहीं समझ पाये की उन्हें कहाँ बैठना हैं। क्योंकि अगर कोई दूसरी पार्टी होती है तो सरकार और विपक्ष का बैठने की जगह अलग अलग होता हैं।

उस हिसाब से विधान सभा के अंदर व्यवस्था की जाती हैं, लेकिन यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं किया गया और ना ही किसी ने सवाल भी खड़ा किया। मतलब आप साफ़ समझ सकते हैं यहाँ फिर से शरद पवार की कथनी और करनी में अंतर हैं।

मैं कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाऊँगा: शरद पवार

अब शरद पवार ने खुलकर फिर से एक बार कहा दिया है कि, मैं कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाऊँगा ये बात भी समझने जैसी हैं। अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो इसका उलटा भी हो सकता है ऐसी संभावना ख़ुद उन्हीं के साथ रहने वाले नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कही और आगे कहा की राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता हैं।

तो आप समझ ही सकते हैं की शरद पवार राजनीति के कितने माहिर खिलाड़ी हैं की काम भी हो जाए और उनके ऊपर कोई उँगली भी ना उठे। जानकार ये भी कह रहे हैं की शरद पवार ख़ुद ऐसी परिस्थिति पैदा कर देंगे ताकि वह आसानी से बीजेपी के साथ जा सके।

परेशान हैं महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे…

एक तरफ़ शरद पवार की राजनीति चल ही रही है तो वही दूसरी तरफ़ महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे भी काफ़ी परेशान हैं। अजीत पवार कभी भी सीएम बन सकते हैं इसकी चर्चा जब भी होती है तो शिंदे परेशान ज़रूर हो जाते हैं और कहते हैं की हम सब साथ हैं। लेकिन ये साथ जीतें दिन तक रहेगा ये देखना महत्वपूर्ण है। सूत्रों की माने तो जल्द ही महाराष्ट्र में बड़ा उलट फेर देखने को मिल सकता है की अजीत पवार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले रहे हों।

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