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India News (इंडिया न्यूज़), Agreement on AI : आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आने वाले समय में कितना खतरनाक हो सकता है, इस बात अंदाजा अभी तक शायद आप नहीं लगा पाए, लेकिन इसे बनाने वाले इसके संभावित खतरों के बारे में अच्छी तरहल से जानते है। यही वजह है कि दुनियाभर के कई देश एक आवाज में कह रहे हैं कि, AI को इस तरह से डिजाइन किया जाए कि यह पूरी तरह से सुरक्षित हो।
वहीं, अमेरिका, ब्रिटेन समेत दर्जनभर देशों ने रविवार को एक अंतरराष्ट्रीय एग्रीमेंट (Agreement on AI) पर हस्ताक्षर किए हैं। द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक यूएस अधिकारी के मुताबिक यह एग्रीमेंट इस बात के लिए था कि, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम को आपराधिक तत्वों से सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए जाएं। इसका निर्माण करने वाली कंपनियां AI सिस्टम को “सिक्योर बाय डिजाइन” बनाएं।
मिली जानकारी के मुताबिक, 20 पेज के डॉक्यूमेंट पर कुल 18 दर्जन देशों ने सहमति जताई है। वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा, नए दिशानिर्देशों पर हस्ताक्षर करने किया है जिसमे 18 देश यानी जर्मनी, इटली, चेक रिपब्लिक, एस्टोनिया, पोलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चिली, इज़राइल, नाइजीरिया और सिंगापुर शामिल हैं। बता दें कि, इसमें शामिल सभी देशों का उद्देश्य एक है कि, AI का मिसयूज़ न हो और जनता सुरक्षित रहे। हालांकि ये एग्रीमेंट बाध्यकारी नहीं है। इसमें सामान्य सिफारिशें हैं, इसमे AI सिस्टम की मॉनिटिरिंग करना, डेटा को छेड़छाड़ से बचाना, और सॉफ्टवेयर सप्लाई करने वालों की समय-समय पर जांच और आकलन करना है।
अमेरिकी साइबर सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी के निदेशक जेन ईस्टरली ने कहा है कि, यह महत्वपूर्ण है कि इतने सारे देश इस विचार के साथ ही अपना नाम रखें कि AI सिस्टम को सुरक्षा की आवश्यकता है। ईस्टरली ने बताया कि, यह पहली देखा जा रहा है कि, फीचर्स से पहले इस बात पर सहमति है कि, डिज़ाइन चरण में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है जो कि सुरक्षा है, को एड्रेस किया जा रहा है। यह फ्रेमवर्क एआई टेक्नोलॉजी को हैकरों द्वारा है कि किए जाने से बचाए रखने के सवालों से संबंधित है।
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