संबंधित खबरें
Bareilly Bridge Accident: PWD के 4 इंजीनियरों पर मुकदमा, गूगल मैप के क्षेत्रीय प्रबंधक भी आए लपेटे में
Sambhal Violence: 'हिंसा के पीछे मौलानाओं का …', संभल हिंसा VHP का सनसनीखेज आरोप; उठाई ये बड़ी मांग
2 पक्षों में विवाद सुलझाने गए दरोगा की हो गई जमकर पिटाई, लोगों ने बनाया बंधक, फिर ऐसी हालत में….
अपर्णा यादव ने संभल बवाल पर दिया बयान, गुंडई बर्दाश्त नहीं करेगी योगी सरकार
संभल हिंसा पर आया APP के सांसद संजय सिंह का बयान, लगाया बड़ा आरोप, कहा-BJP की थी…
पूर्व सांसद की मीट फैक्ट्री पर छापेमारी, पुलिस बल के साथ सीओ और सीटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे
India News(इंडिया न्यूज),Gyanvapi Controversy: ज्ञानवापी विवाद को लेकर देश की सियासत में जबरदस्त गर्माहट है। वहीं इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट एक मंदिर के “पुनर्स्थापन” के लिए मुकदमों की स्थिरता पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली ज्ञानवापी मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। जानकारी के लिए बता दें कि, अदालत ने याचिका को विवाद पर अन्य लंबित मामलों के साथ टैग कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, “हम इसे मुख्य मामले के साथ टैग करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया था, जिसमें सिविल मुकदमे की स्थिरता पर सवाल उठाया गया था। अदालत के आदेश में कहा गया कि वाराणसी अदालत के समक्ष लंबित मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग करने वाला एक दीवानी मुकदमा सुनवाई योग्य है।
ये भी पढ़े:- Lok Sabha Election: रातभर सीईसी की बैठक में शामिल रहे पीएम मोदी, बहुमत को लेकर हुई एसे प्लानिंग
हाई कोर्ट ने कहा था कि किसी विवादित स्थान का “धार्मिक चरित्र” केवल अदालत द्वारा तय किया जा सकता है। मुकदमा उस स्थान पर एक मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग करता है जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद है। हिंदू पक्ष के अनुसार, माना जाता है कि मस्जिद का निर्माण एक मंदिर के अवशेषों पर किया गया था, जो इसे धार्मिक संरचना का एक अभिन्न अंग बनाता है।
ये भी पढ़े:-Israel Hamas war: गाजा में ट्रक से कुचले जाने की घटना पर तुर्की ने कहा- यह मानवता के खिलाफ अपराध
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अन्य पक्षों के साथ ज्ञानवापी मस्जिद के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने मुकदमे की स्थिरता के खिलाफ तर्क दिया था। उन्होंने तर्क दिया कि मुकदमे को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत प्रतिबंधित किया गया था। बता दें कि, उच्च न्यायालय ने माना था कि जिला अदालत के समक्ष दायर मुकदमा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा वर्जित नहीं है, जो 15 अगस्त को मौजूद किसी स्थान के “धार्मिक चरित्र” के “रूपांतरण” पर रोक लगाता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.