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India News(इंडिया न्यूज),Ambala-Chandigarh Expressway: देश में किसान आंदोलन को लेकर देश की सियासत में जबरदस्त गर्माहट है। वहीं किसान आंदोलन को लेकर तीन सप्ताह से बंद चंडीगढ़-अंबाला हाईवे खुल गया है। अब जींद से चंडीगढ़ जाने वाली बसें डायवर्ट होकर चलने के बजाय सीधी जाएंगी। जानकारी के लिए बता दें कि, चंडीगढ़ पहुंचने में जहां पांच घंटे से ज्यादा समय लग रहा था, वहीं अब समय भी कम लगेगा। हाईवे खुलने से यात्रियों ने राहत की सांस ली है। इससे पहले चंडीगढ़ जाने वाली बस को वाया बलदेव नगर और नारायणगढ़ होते हुए चंडीगढ़ भेजा जा रहा था।
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मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, जींद से चंडीगढ़ रूट पर 15 से अधिक बसें चलती हैं। एक सप्ताह पहले ही दिल्ली व गंगानगर रूट के रास्ते खुले थे। इसके अलावा रोहतक-दिल्ली हाईवे पर पौली गांव के पास अवरोध हटाए गए थे, जिससे रोहतक या दिल्ली जाने वाली बसें सीधी जा रही हैं। इससे पहले जब पौली गांव के पास अवरोधक थे तो वाया खरक भैंसी से बस रोहतक भेजी जा रही थी। वहीं गुरुग्राम जाने वाली बस वाया बादली के रास्ते जा रही है। अभी संगरूर, लुधियाना व पटियाला वाला रास्ता बाधित है। इसके चलते यात्रियों को इस रूट पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि अन्य रास्ते धीरे-धीरे खुल चुके हैं।
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जानकारी के लिए बता दें कि, किसान आंदोलन के चलते पिछले कुछ दिनों से रोहतक, गुरुग्राम, दिल्ली, चंडीगढ़, लुधियाना, श्रीगंगानगर जैसे रूट बाधित थे। इससे एक ओर यात्रियों को परेशानी का सामना का सामना करना पड़ रहा था। वहीं डिपो के भी राजस्व में घाटा हो रहा था। बसों को डायवर्ट रूट से चलाए जाने के कारण यात्रियों को निर्धारित समय पर जाने में ज्यादा समय लग रहा था। रोडवेज बस भी ज्यादा किलोमीटर तय कर रही थीं। किसान आंदोलन से पहले डिपो की आमदनी हर रोज लगभग 13 लाख रुपये थी, जो पिछले तीन सप्ताह में लगभग 11 लाख रुपये पर आ गई थी। इस कारण डिपो को पिछले तीन सप्ताह से हर रोज लगभग दो लाख रुपये का नुकसान हो रहा था।
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