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Red Sea: अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को दिया करारा जवाब, लॉन्च की गई मिसाइल और ड्रोन को किया ध्वस्त

Rajesh kumar • LAST UPDATED : March 6, 2024, 9:24 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Red Sea: एक अमेरिकी विध्वंसक जहाज ने लाल सागर में यमन के हौथी विद्रोहियों द्वारा उसकी ओर लॉन्च किए गए ड्रोन और एक मिसाइल को मार गिराया, जबकि भारतीय नौसेना ने पहले हौथिस द्वारा लक्षित एक कंटेनर जहाज पर लगी आग से लड़ते हुए की तस्वीरें जारी कीं।

लाल सागर में दो अमेरिकी युद्धपोतों को बनाया निशाना

वहीं, ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने लाल सागर में दो अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाने का दावा किया है। हौथी संगठन के प्रवक्ता याह्या सारिया ने टेलीविजन पर जारी एक बयान में यह बड़ा दावा किया है. हौथी विद्रोहियों का कहना है कि उन्होंने लाल सागर में दो अमेरिकी युद्धपोतों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया। हालांकि, अभी तक अमेरिका की ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है.

फिलिस्तीन के समर्थन में हमले कर रहे हैं हौथी विद्रोही 

इज़राइल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से, हौथी विद्रोही फिलिस्तीन के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों पर लाल सागर और अदन की खाड़ी में वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। इन हमलों के कारण कई व्यापारिक फर्मों ने अपने जहाज़ों को अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के बजाय लंबे मार्ग से दक्षिण अफ़्रीका भेजना शुरू कर दिया है। इससे दुनिया में महंगाई बढ़ने की आशंका है. साथ ही हौथी विद्रोहियों के हमले से इजराइल-हमास युद्ध के पूरे अरब क्षेत्र में फैलने का खतरा बढ़ गया है. अमेरिका ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों की सुरक्षा के लिए निगरानी बढ़ा दी है। हालांकि हौथी विद्रोही अमेरिकी युद्धपोतों को भी निशाना बना रहे हैं. अमेरिकी युद्धपोतों ने पूर्व में हौथी विद्रोहियों के कई हमलों को नाकाम कर दिया है।

अमेरिका ने हौथी विद्रोहियों के खिलाफ की थी कार्रवाई

हाल ही में अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ मिलकर यमन में हौथी विद्रोहियों के ठिकानों पर भारी बमबारी की थी. हालांकि, इसके बावजूद हौथी विद्रोही पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और लाल सागर में लगातार हमले कर रहे हैं। भारतीय नौसेना ने भी अरब सागर और अदन की खाड़ी में अपने युद्धपोत तैनात किए हैं और कई व्यापारिक जहाजों को हमलों से बचाया है, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।

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