संबंधित खबरें
कट्टरपंथियों का काल बना ये हिंदू योगी, अब बांग्लादेश ने कर दी उसकी ऐसी हालत, लाल हुई भारत की आंखें
अमेरिका-चीन की गंदी चाल पर भारत को आया गुस्सा, कही ऐसी बात कि याद रखेंगी जो बाइडेन और जिनपिंग की 7 पुश्तें
मौलाना का गला रेतकर पाकिस्तानी सेना की चौकी पर लटकाया, PM Shehbaz को दे डाली खुली चुनौती, शिया-सुन्नी के बीच खूनी जंग में 150 लोगों का उठा जनाजा
नाटो ही नहीं धरती को कई बार तबाह कर सकते हैं इस देश के परमाणु बम…पीएम मोदी के खास मित्र का घूमा माथा तो खत्म हो जाएगी दुनिया
'धरती का भगवान' कैसे बना हैवान, 87 महिलाओं से रेप, मिले ऐसे अश्लील वीडियो, देखकर कांप गई पुलिसवालों की रूह
Netanyahu को इस 'विभीषण' ने दिया धोखा, होने वाला है शेख हसीना वाला कांड? जानें क्यों अपने लोग बन गए कट्टर दुश्मन
India News (इंडिया न्यूज़), Joe Biden: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को भविष्य में गाजा-पश्चात योजना और इज़राइल के साथ दो-राज्य समाधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। यह बात न्यूयॉर्क के रेडियो सिटी म्यूजिक हॉल में सितारों से सजे धन संचयन में अपने साथी राष्ट्रपतियों के साथ चर्चा के दौरान सामने आईं है, जिसका उद्देश्य साल 2024 के आम चुनावों से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की एकता का प्रदर्शन करना था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि, ”मैं अभी ब्योरा नहीं दूंगा। लेकिन देखिए, मैं सऊदी, मिस्र, जॉर्डन और कतर समेत अन्य अरब देशों के साथ काम कर रहा हूं। वे पहली बार इजरायल को पूरी तरह से मान्यता देने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके लिए होना चाहिए गाजा के संबंध में एक योजना। दो-राज्य समाधान होना चाहिए। यह जरूरी नहीं है कि यह आज हो, लेकिन इसमें कुछ प्रगति होनी चाहिए। मुझे लगता है कि हम यह कर सकते हैं।
RCB vs KKR: चीन्नास्वामी में कोलकाता का विजय रथ जारी, अपने ही घर में हारी बेंगलुरु
बता दें कि, अरब देशों ने साल 2002 में इजराइल को मान्यता देने की पेशकश की थी। शर्त यह थी कि इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा को फिलिस्तीनी राज्य माना जाए और पूर्वी येरुशलम को फिलिस्तीन की राजधानी बनाया जाए। लेकिन तब इजराइल ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसमे सऊदी अरब समेत कई अरब देशों ने अभी तक इजराइल को एक देश के रूप में मान्यता नहीं दी है। इसलिए इजराइल इन देशों के साथ राजनयिक संबंध नहीं रखता है।
इसमे सऊदी का कहना है कि, वह इज़रायल के साथ रिश्ते सामान्य कर सकता है, लेकिन इसके लिए उसे 2002 के अरब शांति प्रस्ताव की शर्तें माननी होंगी। साल 2002 में यह निर्णय लिया गया कि इजराइल को उन सभी इलाकों से अपना कब्जा हटाना होगा, जिन पर उसने 1967 के युद्ध के दौरान कब्जा किया था। फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश माना जाना चाहिए। पूर्वी येरुशलम को ही इसकी राजधानी मानना होगा. सभी अरब देश इन शर्तों पर सहमत हुए।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.