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India News (इंडिया न्यूज), India Defence Exports: मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे कार्यक्रमों की मदद से भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में अपने रक्षा निर्यात को 21,083 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2028-29 के अंत तक इस निर्यात को 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। खास बात यह है कि जब मोदी सरकार केंद्र में आई थी, तब भारत का रक्षा निर्यात 686 करोड़ रुपये था। 10 साल में इसने बड़ी छलांग लगाई है। इस समय 84 देशों को सैन्य उपकरण निर्यात किए जा रहे हैं। तो चलिए आज हम आपको उन टॉप-5 देशों की के बारे बताएंगे जो भारत से हथियार खरीदने में सबसे आगे हैं।
रक्षा मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि, भारत से सैन्य उपकरण खरीदने में अमेरिका सबसे आगे है। भारत से संचालित बोइंग इंडिया, कमिंस टेक्नोलॉजीज, एवेंटेल जैसी कंपनियों में बने उत्पाद अमेरिका को सप्लाई किए जा रहे हैं। इनमें बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण आदि शामिल हैं।
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भारत से सैन्य उपकरण खरीदने में इजराइल भी आगे है और दूसरे स्थान पर है। पीएलआर सिस्टम्स, कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम, अदानी-एलबिट, डीसीएक्स केबल टेक्नोलॉजीज जैसी भारतीय कंपनियों के उत्पाद इजरायल जाते हैं। इनमें बुलेटप्रूफ जैकेट, हेलमेट, बैटरी आदि शामिल हैं।
अमेरिका और इजरायल की तरह भारत भी ब्रिटेन को सैन्य उपकरण सप्लाई करता है। हमारे देश में बने बुलेटप्रूफ जैकेट, हेलमेट, एयरो कंपोनेंट आदि ब्रिटेन को सप्लाई किए जाते हैं। कमिंस टेक्नोलॉजीज, एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस, टाटा एडवांस्ड आदि भारतीय कंपनियां इन चीजों का निर्माण करती हैं।
हाल के वर्षों में फ्रांस और भारत के बीच रक्षा व्यापार तेजी से बढ़ा है। भारत ने फ्रांस के साथ राफेल डील की है। वह फ्रांस को बैटरी समेत एयरोस्पेस कंपोनेंट भी सप्लाई कर रहा है। महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर, गोदरेज एंड बॉयस, डसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस फ्रांस को सैन्य उपकरण सप्लाई करने वाली प्रमुख कंपनियां हैं।
जर्मनी भारत से सैन्य उपकरणों का पांचवां सबसे बड़ा खरीदार है। जर्मनी भारत में बने हेलमेट, बुलेटप्रूफ जैकेट आदि खरीदता है। एमकेयू, इंडो एमआईएम, माइक्रोन इंस्ट्रूमेंट्स जैसी कई भारतीय कंपनियां इस सप्लाई को पूरा करती हैं।
इसके साथ ही भारत से सैन्य उपकरण खरीदने वाले अन्य प्रमुख देशों में संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, फिलीपींस, श्रीलंका, सऊदी अरब शामिल हैं।
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