Hindi News / Dharam / These Were Those 3 Anonymous Women Of Mahabharata If They Had Not Been There Then There Would Have Been No Pandavas Or Kauravas

ये थी महाभारत की वो 3 गुमनाम महिलाएं, जो अगर न होती तो न रहता पांडव न होता कौरव!

Mahabharat Gatha:  महाभारत में अम्बिका, अम्बालिका और भानुमति जैसी महिलाएं न केवल उस समय की सामाजिक संरचना को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि महिला पात्रों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है।

BY: Prachi Jain • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Mahabharat Gatha: महाभारत, भारतीय महाकाव्य, न केवल पुरुषों की वीरता और संघर्ष का प्रतीक है, बल्कि इसमें कई महत्वपूर्ण महिला पात्र भी हैं, जिनमें से कुछ को अक्सर भुला दिया जाता है। इनमें अम्बिका, अम्बालिका और भानुमति जैसे नाम शामिल हैं। ये महिलाएं अपने समय में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने के बावजूद, आज के समय में उनकी कहानी और योगदान को बहुत कम बताया गया है।

अम्बिका और अम्बालिका: विचित्रवीर्य की पत्नियां

अम्बिका और अम्बालिका, कौरवों और पांडवों के पूर्वज विचित्रवीर्य की पत्नियां थीं। जब विचित्रवीर्य का निधन हो गया, तो उनकी संतानें पैदा करने के लिए उनकी सास ने सती प्रथा के अनुसार व्यासजी को बुलाया।

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Mahabharat Gatha:  महाभारत में अम्बिका, अम्बालिका और भानुमति जैसी महिलाएं न केवल उस समय की सामाजिक संरचना को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि महिला पात्रों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है।

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  • अम्बिका: अम्बिका से धृतराष्ट्र का जन्म हुआ, जो कौरवों के पिता बने। धृतराष्ट्र अंधे थे, फिर भी उनका महत्व महाभारत के घटनाक्रम में बहुत बड़ा रहा। अम्बिका की चुप्पी और धृतराष्ट्र के प्रति उनकी चिंताएं उन्हें एक रहस्यमय पात्र बनाते हैं।
  • अम्बालिका: अम्बालिका से पांडु का जन्म हुआ। पांडु का जीवन और उनके संघर्ष महाभारत की केंद्रीय कथाओं में हैं, लेकिन उनकी मां अम्बालिका की कहानी में भावनात्मक गहराई है।

इन दोनों महिलाओं की कहानियों में साहस और बलिदान की झलक मिलती है, फिर भी उन्हें उचित मान्यता नहीं मिलती।

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भानुमति: एक अद्भुत योद्धा

महाभारत की एक और गुमनाम महिला पात्र हैं भानुमति। भानुमति चंद्रवर्मा की पुत्री थीं और उनकी सुंदरता की चर्चाएं थीं, लेकिन केवल यही उनकी पहचान नहीं थी। भानुमति एक महान योद्धा थीं, जिन्होंने कई युद्धों में भाग लिया।

भानुमति की कहानी भी कमतर आंकी जाती है, जबकि उनके साहस और क्षमताएं कई पुरुष योद्धाओं के बराबर थीं। वे अपने समय में एक प्रेरणा स्रोत थीं, और उनकी वीरता ने कई लोगों को प्रभावित किया।

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निष्कर्ष

महाभारत में अम्बिका, अम्बालिका और भानुमति जैसी महिलाएं न केवल उस समय की सामाजिक संरचना को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि महिला पात्रों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है। इनका साहस, बलिदान और संघर्ष हमें यह सिखाते हैं कि महिलाओं का योगदान केवल उनके पति या बेटों के रूप में नहीं, बल्कि स्वतंत्र और शक्तिशाली व्यक्तित्व के रूप में भी महत्वपूर्ण होता है।

इन गुमनाम किरदारों की कहानियों को जानकर हम महाभारत की गहराई और उसके सामाजिक संदर्भ को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। इन्हें भुलाना नहीं चाहिए; ये नारी शक्ति के प्रतीक हैं, जो हमें प्रेरणा देते हैं।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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