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Curse Of Finance Ministry : वित्त मंत्रालय का अभिशाप
India News (इंडिया न्यूज), Curse Of Finance Ministry : हरियाणा में तीसरी बार चुनाव जीतकर बीजेपी ने इतिहास रच दिया है. इस बार भी नायब सिंह सैनी को सीएम पद दिया गया है. सरकार बनने के बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। सीएम ने गृह और वित्त समेत अहम विभाग भी अपने पास रखे हैं। अब इसे लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. दरअसल, हरियाणा के वित्त मंत्रालय की कुर्सी पर जो भी नेता बैठा है, उसका कार्यकाल अच्छा नहीं रहा है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले आठ वित्त मंत्रियों के लिए यह पद अशुभ साबित हुआ है। इनमें से ज्यादातर को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा या फिर उन्हें पद से हटना पड़ा। यह सिलसिला पिछले तीन दशक से चल रहा है, जिसके चलते यह धारणा बन गई है कि वित्त मंत्रालय संभालना एक चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है।
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अगर नायब सिंह सैनी से पहले वित्त मंत्रियों के कार्यकाल की बात करें तो 2024 में यह पद जेपी दलाल ने संभाला था। लेकिन वह ज्यादा दिनों तक इस पद पर नहीं रह सके। इसके अलावा उन्हें चुनावों में हार का भी सामना करना पड़ा। इससे पहले 2019 में यह पद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पास रखा था, जिसके बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था। 2014 में यह कैप्टन अभिमन्यु को दिया गया, लेकिन 2019 का चुनाव हारने के कारण उन्हें भी पद गंवाना पड़ा। 2005 में बीरेंद्र सिंह को हरियाणा का वित्त मंत्री बनाया गया, लेकिन यह पद भी उनके लिए चुनावी असफलता लेकर आया। 2009 में अजय यादव ने वित्त मंत्रालय संभाला, लेकिन वह भी अगला चुनाव हार गए। 2000 में संपत सिंह ने वित्त मंत्री का पद संभाला, लेकिन इस पद पर रहते हुए अगले चुनाव में वह भी अपनी सीट हार गए। 1996 में किशन दास को वित्त मंत्री बनाया गया। अगले चुनाव में वह अपनी सीट नहीं बचा सके। उनकी हार ने इस धारणा को और मजबूत कर दिया कि वित्त मंत्री होना चुनावी सफलता के लिए अशुभ हो सकता है। 1991 में मांगे राम गुप्ता हरियाणा के वित्त मंत्री चुने गए, लेकिन वे अगला चुनाव हार गए।
इस बार वित्त मंत्रालय सीएम नायब सैनी ने अपने पास रखा है। अब देखना यह होगा कि क्या यह धारणा बदलेगी, या फिर वित्त मंत्रालय का पद अब भी राजनीतिक जोखिम के रूप में बना रहेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री नायब सैनी ने वित्त, गृह, के साथ योजना, सूचना और जनसंपर्क, भाषा और संस्कृति समेत 12 विभागों को अपने पास रखा है।
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