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India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की एक साथ कई मोर्चों पर तनाव का सामना कर रहे हैं। उन्हें एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। एक तरफ रूस लगातार यूक्रेनी ठिकानों पर मिसाइलें दाग रहा है, वहीं दूसरी तरफ अगले महीने डोनाल्ड ट्रंप के सरकार संभालने के बाद आर्थिक और सैन्य मदद में कमी का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच युद्ध के मैदान से सैनिक भी जेलेंस्की को झटके दे रहे हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, 60,000 से अधिक यूक्रेनी सैनिक युद्ध के मैदान को छोड़ चुके हैं। हम आपको बता दें कि, इस साल जंग का मैदान छोड़ने वाले सैनिकों की संख्या साल 2022 और 2023 में युद्ध के मैदान को छोड़ने वाले सैनिकों की संख्या से लगभग दोगुनी है।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच रूस के खिलाफ युद्ध में पिछले दो सालों के मुकाबले सबसे ज्यादा यूक्रेनी सैनिक युद्ध के मैदान से भागे हैं। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से युद्ध चल रहा है, जिसे तीन साल पूरे होने वाले हैं। यूक्रेन के अभियोक्ता जनरल कार्यालय के हवाले से एसोसिएटेड प्रेस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इन तीन सालों में एक लाख से ज्यादा सैनिकों पर रूसी हमलों के डर से युद्ध के मैदान से भागने का आरोप है।
जानकारी के अनुसार, रूस सैनिकों की संख्या के मोर्चे पर भी कमी का सामना कर रहा है। उसे उत्तर कोरिया से भाड़े के सैनिक भी बुलाने पड़े हैं। यूक्रेन के पास सैनिकों की भी भारी कमी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यूक्रेन ने अप्रैल में जो भर्तियां निकाली थीं, उनमें उम्र सीमा 27 से घटाकर 25 साल कर दी थी। अब वाशिंगटन ने यूक्रेन को सलाह दी है कि वह सैनिकों की घटती संख्या को देखते हुए भर्ती के लिए न्यूनतम आयु सीमा को 18 से भी कम कर दे।
इस बीच, एपी की रिपोर्ट में यूक्रेन की 72वीं ब्रिगेड के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यूक्रेन के किलेनुमा शहर वुहलदार पर रूस के भीषण हमले के बाद से बड़ी संख्या में सैनिक युद्ध के मैदान से भाग गए हैं और शहर खंडहर में तब्दील हो गया है। हालांकि, अधिकारी भागे हुए सैनिकों पर कोई दोष नहीं डालना चाहते और कहा कि हमने अब तक उनका अधिकतम उपयोग किया है।
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