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अरे बाप रे… ट्रंप ने पलट दिया पासा, दिनदहाड़े जेलेंस्की के पीठ में घोंपा छुरा, किया ऐसा काम पुतिन को भी नहीं हो रहा है यकीन

अमेरिकी राजनयिक डोरोथी कैमिली शिया ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव युद्ध को रोकने में विफल रहे हैं। यह युद्ध अब बहुत लंबा खिंच चुका है। यूक्रेन और रूस के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी लोग इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं।

BY: Divyanshi Singh • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),Russia-Ukraine War:यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध के 3 साल पूरे होने पर यूएन में प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में रूसी हमले की निंदा करने और यूक्रेन से रूसी सेना को तुरंत वापस बुलाने की मांग की गई थी। प्रस्ताव पर अमेरिका ने अपनी पुरानी नीतियों के खिलाफ जाकर इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। अमेरिका के वोटिंग ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। भारत ने यूएन महासभा के मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

अमेरिका ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावित प्रस्ताव पर रूस की तरह ही वोट किया, जिसमें क्रेमलिन को आक्रामक नहीं बताया गया और न ही यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को स्वीकार किया गया।

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Russia-Ukraine War

65 देशों ने नहीं लिया हिस्सा 

प्रस्ताव पर वोटिंग में करीब 65 देशों ने हिस्सा नहीं लिया। इसमें अमेरिका, इजरायल और हंगरी ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। हालांकि, यह प्रस्ताव 93 वोटों से पास हो गया। सुरक्षा परिषद के पांच यूरोपीय सदस्यों के समर्थन के बिना ही प्रस्ताव पास हो गया।

अमेरिका और रूस के बीच यह चौंकाने वाला गठबंधन ऐसे समय में हुआ है, जब ट्रंप प्रशासन युद्ध खत्म करने के लिए बातचीत कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रपति ट्रंप की यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के खिलाफ़ बयानबाज़ी तेज़ हो गई है।

स्थायी शांति की अपील

यह प्रस्ताव अमेरिका ने यूएन में पेश किया था। इसमें न तो रूस का ज़िक्र था और न ही क्रेमलिन को हमलावर कहा गया। न ही यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को स्वीकार किया गया। अमेरिका ने कहा कि वह यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई को जल्द खत्म करके स्थायी शांति की अपील करता है।

अमेरिकी राजनयिक डोरोथी कैमिली शिया ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव युद्ध को रोकने में विफल रहे हैं। यह युद्ध अब बहुत लंबा खिंच चुका है। यूक्रेन और रूस के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी लोग इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं।

प्रस्ताव के ज़रिए क्या मांगें हैं?

इस प्रस्ताव के ज़रिए कहा गया कि रूस का हमला 3 साल से चल रहा है और इसका विनाशकारी असर न सिर्फ़ यूक्रेन बल्कि दुनिया की स्थिरता के लिए ख़तरा है, जिसमें लाखों लोग मारे गए हैं। इसका असर सिर्फ़ एक देश पर नहीं पड़ा है बल्कि इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिला है। इसमें दोनों देशों में जान-माल के नुकसान पर दुख जताया गया।

प्रस्ताव में यूक्रेन से रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी, यूक्रेन में स्थायी और न्यायपूर्ण शांति, युद्ध अपराधों के लिए रूस की जवाबदेही की मांग की गई है। इनमें से कुछ मांगों पर वोटिंग भी हुई।

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