होम / पांच मुसलमान जातियों को चिह्नित कर असम सरकार ने दिया स्वदेशी का दर्जा

पांच मुसलमान जातियों को चिह्नित कर असम सरकार ने दिया स्वदेशी का दर्जा

Umesh Kumar Sharma • LAST UPDATED : July 6, 2022, 10:44 pm IST

पांच मुसलमान जातियों को चिह्नित कर असम सरकार ने दिया स्वदेशी का दर्जा

इंडिया न्यूज, असम (Five Muslim Caste): असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने पांच मुस्लिम समुदायों को स्वदेशी का दर्जा देने का निर्णय लिया है। ये सभी असमिया भाषी मुस्लमान हैं। इसमें गोरिया, मोरिया, जुला, देशी और सैयद शामिल हैं। सरकार इन मुसलमानों को जनजाति का दर्जा देगी और इनके स्वास्थ्य, शिक्षा का इंतजाम करेगी। पिछले साल असम सरकार ने एक आयोग का गठन किया था। यह गठन विभिन्न क्षेत्रों के असमिया मुसलमानों के साथ बैठक के बाद किया गया था। असम कैबिनेट के इस निर्णय से राज्य के लगभग 40 लाख असमिया भाषी मुसलमानों को मान्यता मिल जाएगी।

खिलोंजिया और मियां मुसलमान है कौन

दरअसल यहां मुसलमानों के दो संप्रदाय हैं। एक है खिलोंजिया मुस्लिम और दूसरा है मियां मुस्लिम। जिन मुसलमानों की पारिवारिक जड़ें बांग्लादेश की हैं और वे अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कर गए हैं, उन्हें मियां मुस्लिम कहा जाता है। वहीं जिनकी जड़ें भारत से हैं उन्हें खिलोंजिया मुस्लमान कहा जाता है। हिमंत बिस्वा सरमा सरकार के इस कदम को अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कहा जा रहा है कि भारतीय मुसलमानों को चिह्नित करने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने का काम शुरू हो जाएगा।

असम में घुसपैठ का क्या है इतिहास

पुराने पूर्वी पाकिस्तान यानी मौजूदा बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ क इतिहास उतना ही पुराना है जितना की बांग्लादेश। जब बांग्लादेश में आजादी की मांग उठी तो पाकिस्तानी सेना ने अत्याचार और नरसंहार शुरू कर दिया। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान से भागकर लोग भारत आने लगे। बड़ी संख्या में बंगाली भाषी मुसलमान असम में घुस गए। तब की सरकार को लगा कि शायद युद्ध खत्म होने के बाद वे वापस चले जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बहुत सारे बांग्लादेशी असम और पश्चिम बंगाल में ही बस गए।

असम में घुसपैठ का मुद्दा और राजनीति

असम में घुसपैठ का मुद्दा बहुत पुराना है। इसके खिलाफ असम में आंदोलन भी हो चुके हैं और बहुत सारे लोगों की जान भी जा चुकी है। राज्य के राजनीतिक हालात यह हो गया हैं कि यहां घुसपैठियों की संख्या 25 से 30 फीसदी हो गई है और कई सीटों पर ये निर्णायक स्थिति में पहुंच गए हैं। असम सरकार का कहना है कि बहुत सारे घुसपैठियों ने गलत तरीके से दस्तावेज भी बनवा लिए हैं। ऐसे में इन्हें मूल भारतीय मुसलमानों से अलग करना जरूरी हो गया है।

मियां मुसलमानों पर पहले भी बोले थे हिमंत बिस्वा सरमा

जब हिमंत बिस्वा सरमा असम सरकार में गृह मंत्री थे तब भी उन्होंने कहा था कि मियां मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देते हैं। उन्होंने कहा था कि मियां मुसलमानों ने न तो लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट दिया और न ही विधनसभा चुनाव में। उन्होंने साफ कह दिया था कि जहां मियां मुसलमान निर्णायक स्थिति में है वहां भाजपा को सफलता हाथ नहीं लगेगी। कारण की मियां मुस्लमान भाजपा से अपने आप को असुरक्षित मानती है।

ये भी पढ़ें : बजाज आटो बायबैक आफर शुरू, कंपनी 4600 रुपए में खरीदेगी अपने शेयर

ये भी पढ़े : सेंसेक्स दिन के उच्चतम स्तर से 732 अंक टूटा, 100 अंक नीचे बंद

ये भी पढ़ें : भारत में सामने आया ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट बीए.2.75, 10 राज्य में 69 मामले

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

 

Tags:

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT