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India News (इंडिया न्यूज़), Delhi Metro, नई दिल्ली: वर्तमान में मेट्रो दुनियाभर के लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। खासतौर पर दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए दिल्ली मेट्रो किसी लाइफलाइन से कम नहीं है। इसके बिना लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में लंबे जाम का सामना करना पड़ता है। दिल्ली में रोजाना लाखों की संख्या में लोग मेट्रो से सफर करते हैं। मेट्रो का सफर सस्ता होने के साथ ही कंफर्टेबल भी है। रोजाना सफर करने वाले लोगों की एंट्री के लिए मेट्रो कार्ड की सुविधा भी उपलब्ध है। जबकि कुछ लोग इसके लिए टोकन का यूज करते हैं। क्या आपने कभी यह सोचा है कि आप सफर में जिस टोकन का इस्तेमाल करते हैं, उसे बनाने में कितना खर्च होता है? और इसे कैसे बनाया जाता है?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली मेट्रो के टोकन में लगाए जाने वाले चिप विदेशों से मंगाए जाते हैं। हालांकि टोकन का बाकी हिस्सा भारत में ही तैयार किया जाता है। चिप और PVC सामग्री का इस्तेमाल करके एक टोकन बनाया जाता है।
एक टोकन को बनाने में लगभग 16 रुपये खर्च होते हैं। बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने क्यूआर कोड बेस्ड टिकट सिस्टम लागू किया है, जो टोकन की तुलना में बहुत सस्ता है। इस सिस्टम में यात्रियों को टोकन के बजाय पेपर वाले टिकट दिए जाएंगे। डीएमआरसी ने जानकारी दी कि पिछले एक महीने में 74 लाख से अधिक क्यूआर कोड वाले टिकट बेचे गए हैं। इस टिकट की बिक्री बढ़ने से लोगों ने टोकन खरीदना कम कर दिया है।
DMRC के अनुसार टोकन की बिक्री में 30 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट आई है। क्यूआर कोड वाले टिकट सिस्टम को 8 मई से लागू किया गया था। इसके पीछे डीएमआरसी की यह कोशिश है कि टोकन सिस्टम को पूरी तरह से खत्म करके पेपर टिकट सिस्टम को प्रभाव में लाया जाए।
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