होम / Chandrayaan-3: 'चांद' फ़तह, अब चले 'सूरज' की सतह

Chandrayaan-3: 'चांद' फ़तह, अब चले 'सूरज' की सतह

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : August 24, 2023, 1:19 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Rashid Hashmi, Chandrayaan-3: मुस्कुराइए, आप चांद पर हैं। 140 करोड़ का भारत चंद्र उत्सव मना रहा है, इसरो ने कामयाबी की नई कहानी लिखी है, इतिहास बदला है, पीएम मोदी ने कहा है कि चंदा मामा अब दूर के नहीं, एक टूर के हैं। फ़िल्मी शायर कह रहे हैं- तेरे वास्ते फ़लक से मैं चांद ले आया। हमने तीन क़दम और 15 साल में चांद चढ़ा है- पहला क़दम साल 2008 में चंद्रयान-1, दूसरा क़दम साल 2019 में चंद्रयान-2 और तीसरा क़दम चार साल बाद यानि 2023 में चंद्रयान-3 भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। पहला बनना कमाल होता है, जो पहला होता है वो इतिहास रचता है, अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित करता है। 23 अगस्त की शाम दिल की धड़कनें आसमान छू रही थीं, आसमान ठहर सा गया था, सांसें अटक चुकीं थीं, दुनिया भारत को चांद की नज़र से देख रही थी, हिंदुस्तान ने अपने ललाट पर चंद्राभिषेक भी किया। रोवर प्रज्ञान चांद पर घूम कर अंतरिक्ष में भारत की पहचान बना रहा है। प्रज्ञान चांद की सतह पर घूमेगा और अपने पेलोड्स की मदद से जानकारी जुटाएगा। आज विक्रम साराभाई, डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम, होमा जहांगीर भाभा, चंद्रशेखर वेंकट रमन चांद के पार मुस्कुरा रहे होंगे। रॉकेट के पार्ट्स को साइकिल पर लादकर लॉन्च सेंटर तक पहुंचाने की कहानी पांच दशक पीछे छूट चुकी है, आज भारत चांद, मंगल और उससे कहीं आगे तक यान भेजने में सक्षम है।

चांद फ़तह है, अब इसरो की नज़र सूरज पर

चांद फ़तह है, अब इसरो की नज़र सूरज पर है। सितंबर में सूरज तक पहुंचने के लिए आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग संभव है। आदित्य एल-1 सूरज की ताक़त का पता लगाएगा। पृथ्वी से साढ़े चौदह करोड़ किलोमीटर दूर सूरज की किरणों को धरती पर पहुंचने में करीब 8 मिनट लगते हैं। सूरज के रहस्य पर रिसर्च के लिए भेजे जा रहे उपग्रह के सभी पेलोड का फ़ाइनल टेस्ट पूरा हो चुका है। सितंबर के शुरुआती हफ्ते में आदित्य एल-1 को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी है। सूर्य किरणों का राज़ जानने के लिए अमेरिका, जर्मनी, यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने कुल मिलाकर 22 मिशन भेजे हैं। भारत महत्वाकांक्षी मिशन ‘गगनयान’ के तहत 2023 के आख़िर में दो अंतरिक्ष मिशन भेजेगा। इसमें एक मिशन पूरी तरह से मानवरहित रहेगा और दूसरे में ‘व्योममित्र’ नाम की एक महिला रोबोट भेजी जाएगी। डॉ. विक्रम साराभाई ने 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) के साथ जो सपना देखा आज उस ख़्वाब को पूरा होने की कोई शर्त नहीं होती। देश के वैज्ञानिकों का इक़बाल बुलंद है, 140 करोड़ के दिलों पर राज करने वाले नायक कैमरे और माइक से दूर रह कर बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर बना रहे हैं। देखिए ना, इसरो चीफ ने अपनी टीम को पहले बोलने का मौक़ा दिया, क्योंकि उन्हें ख़ुद का लाइव टेलीकास्ट नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में फ़तह की दरकार है।

मिशन चंद्रयान से जुड़े वैज्ञानिक जब बोल रहे थे तब इसरो के मुखिया एस सोमनाथ पीछे खड़े मुस्कुरा रहे थे, मानों कह रहे हों कि आपके पुरुषार्थ और 140 करोड़ के परमार्थ ने भारत के मस्तक पर विजयतिलक लगा दिया है। चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी खोजा, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर आज भी काम कर रहा है, उसी ने चंद्रयान-3 के लिए लैंडिंग साइट खोजी। मंगलयान का परचम तो पूरी दुनिया देख चुकी है, चंद्रयान-3 की सफलता इसरो का नाम दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेसियों में शामिल कर देगी। चांद अब शायरी में नहीं मुट्ठी में है, इसरो के साइंटिस्ट का चांद सा रोशन चेहरा आज कहने को बेक़रार है- “चंदा रे, चंदा रे, कभी तो ज़मीं पे आ, बैठेंगे बातें करेंगे”। चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिग का मतलब है कि अब मंगल पर जाने के लिए स्पेस साइंटिस्ट चंद्रमा पर स्पेश स्टेशन की तैयारी कर सकते हैं, पानी मिला तो इंसानी ज़िंदगी की संभावना तलाशी जाएगी, फॉस्फेट मिला तो खेती-किसानी की उम्मीद की जाएगी।

1 लीटर पीने के पानी की क़ीमत 1 मिलियन डॉलर

चांद ने 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर 140 करोड़ हिंदुस्तानियों में नई ज़िंदगी भर दी। हर किसी ने पूछा- मेरा प्लॉट कब मिलेगा, मेरा घर दूसरे ग्रह पर कब बनेगा। क्या पृथ्वी से 3 लाख 84 हजार किलोमीटर दूर चंद्रमा पर जीवन संभव है ? NASA वैज्ञानिक हावर्ड हू का मानना है कि साल 2030 तक चांद पर इंसान एक्टिव हो सकता है, मानवजाति की कॉलोनी बन और बस सकती है और उनके काम में मदद करने के लिए मून मिशन वाले रोवर्स होंगे। वैज्ञानिक गणना कहती है कि चांद पर प्रति लीटर पीने के पानी की क़ीमत 1 मिलियन डॉलर है, यानि धरती से चांद तक पानी पहुंचाना बहुत महंगा सौदा है। पृथ्वी से एक किलोग्राम सामान बाहर ले जाने की कीमत एक मिलियन डॉलर है, मतलब साफ़ है कि फ़िलहाल अपना घर बनाने बसाने का ख़्वाब पालने की जगह आकाश विजय का सपना देखिए।

चांद पर अब तक 111 मिशन भेजे गए

अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT), वॉशिंगटन पोस्ट, ब्रिटेन का विश्वप्रसिद्ध मीडिया हाउस BBC, जर्मनी के कई भाषाओं में पब्लिश होने वाला अख़बार ‘डॉयचे वैले’ भारत की ‘चंद्रक्रांति’ का गुणगान करते नहीं थक रहे। चीन ख़ामोश है, पाकिस्तान सोच में है। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर रूस का 47 साल का सपना टूट गया, लेकिन भारत ने वो कर दिखाया जिसकी गूंज समूचे विश्व में है। चांद पर अब तक 111 मिशन भेजे गए हैं, जिनमें 66 सफल हुए और 41 फेल हो गए। चंद्रयान की कामयाबी का सबसे बड़ा कमाल ये है कि रूस के लूना-25 से तीन गुना कम बजट के बावजूद इसरो ने चांद पर सफल लैंडिंग करा दी। लूना-25 मिशन की टोटल कॉस्ट 1600 करोड़ थी जबकि चंद्रयान-3 ने सिर्फ 615 करोड़ में चांद फ़तह कर डाला। चांद सामने दिखता है, लेकिन धरती से दूरी 3.83 लाख किलोमीटर है। 3.83 लाख किलोमीटर दूर अशोक स्तंभ अंकित है, 3.83 लाख किलोमीटर दूर तिरंगा लहरा रहा है, 3.83 लाख किलोमीटर दूर भारत का मान मस्तक ऊंचा है।

ISRO के 6 बड़े फ्यूचर प्लान्स रेडी

आज़ादी के 76 बरस बाद भारत चांद पर है। 76 साल की आज़ादी ने आर्थिक सुधार की इबारत लिखी है, परमाणु क्षमता में कामयाबी गढ़ी है। मुझे जून 2023 की याद आ गई जब अमेरिका के कैनेडी सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत की विकास गाथा अमेरिका समेत पूरी दुनिया को सुनाई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत जब-जब मज़बूत हुआ, दुनिया भी तब-तब मज़बूत हुई है। भारत की ‘चंद्रविजय’ ने समूचे विश्व के लिए नई संभावनाओं के दरवाज़े खोल दिए हैं। आज हिंदुस्तान के पास दुनिया की सबसे बड़ी स्किल्ड, प्रोफेशनल और युवा फोर्स है, आज चंदा मामा दूर के नहीं, बस एक टूर के हैं, ISRO के 6 बड़े फ्यूचर प्लान्स रेडी हैं। आप लिख कर रख लीजिए अंतरिक्ष और आसमान को एक्सप्लोर करने का ये सिलसिला अब रुकने वाला नहीं है। मजरूह सुल्तानपुरी के अल्फ़ाज़ में आज हिंदुस्तान कहता है-

“आज मैं ऊपर आसमां नीचे
आज मैं आगे ज़माना है पीछे
आज मैं ऊपर आसमा नीचे
आज मैं आगे ज़माना है पीछे”

Also Read: 

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT