होम / मुख्य सचिव इक़बाल सिंग रहे तो नहीं होंगे निष्पक्ष चुनाव -नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह

मुख्य सचिव इक़बाल सिंग रहे तो नहीं होंगे निष्पक्ष चुनाव -नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : August 20, 2023, 2:55 pm IST

India news (इंडिया न्यूज़), Manoj Manu Sharma, Madhya pradesh: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है लिहाजा विपक्ष को कई अधिकारियों पर विश्वास ही नहीं है कि वो प्रदेश में निश्पक्ष चुनाव करा पाएंगे। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने राज्य के मुख्य सचिव डॉ. इकबाल सिंह बैस को तत्काल हटाने की मांग कर डाली है। डॉ. गोविंद सिंह ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है।

चुनाव आयोग निश्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी की बेंच की ओर से मध्यप्रदेश सरकार के पूरे सिस्टम को अक्षम बताने वाले रिपोर्ट का भी जिक्र किया है। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य चुनाव आयुक्त तो लिखे पत्र में जिक्र किया है कि, चुनाव आयोग निश्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसे प्रमुख सचिव को सेवानिवृति के उपरांत प्रदेश सरकार की अनुकंपा पर 6-6 महीने के लिए दो बार सेवावृद्धि दी गई है।

मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त करने के लिए प्रदेश सराकर को दिया जाएं निर्देश 

क्या ऐसे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैक के रहते मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से संपन्न हो पाएंगे, यह यक्ष प्रश्न है। डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिन इकबाल सिंह बैस की सेवावृद्धि नहीं करने के लिए पहले भी पत्र लिखा था। लेकिन उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई। डा. गोविंद सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मांग की है कि इकबाल सिंह बैस को तत्काल पद से हटाकर दूसरे किसी अधिकारी को नियमित मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त करने के लिए प्रदेश सराकर को निर्देश दिए जाएं।

सरकार की अनदेखी पर कड़ी नाराजगी

दरअसल डॉ. गोविंद सिंह ने एनजीटी के जिस रिपोर्ट का अपने पत्र में जिक्र किया है। उसमें एनजीटी ने भोपाल के केरवा और कलियासोत डैम के आसपास हो रहे अवैध अतिक्रमण के मामले में सरकार की अनदेखी पर कड़ी नाराजगी जताई थी। एनजीटी ने अपने पिछले आदेशों का पालन नहीं होने पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को तलब किया था। लेकिन इकबाल सिंह बैस नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने संतोष जनत जवाब नहीं दे पाए।

नहीं चाहते कि इकबाल सिंह बैस को हटाया जाए..

जिससे नाराज होकर एनजीटी ने इकबाल सिंह बैस पर पैनाल्टी लगाई थी। बता दें कि 1985 बैच के आइएएस अफसर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल 1 जून से छह महीने के लिए बढ़ाया गया है। सेवानिवृत्ति के बाद ये दूसरी बार कार्यकाल बढ़ाया गया है। वे 30 नवंबर 2023 तक मुख्य सचिव के पद पर रहेंगे और इसके पीछे कारण है कि मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चहेते हैं। वो नहीं चाहते कि इकबाल सिंह बैस को हटाया जाए।

शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अपना प्रमुख सचिव बनाया था..

साल 2014 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार से आग्रह करके इकबाल सिंह बैस को मध्यप्रदेश बुलवाया था। इकबाल सिंह बैंस जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे। लेकिन वापस मध्यप्रदेश आने पर शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अपना प्रमुख सचिव बनाया था। इकबाल सिंह बैंस सख्त प्रशासक माने जाते हैं। ऐसे में चुनाव आयोग नेता प्रतिपक्ष के पत्र पर इसबार सुनवाई करता है कि नहीं ये देखने वाली बात होगी।

Read more:  14000 फीट की ऊंचाई से राहुल ने दी पिता पूर्व पीएम राजीव गांधी को द्धांजलि

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT