होम / Mahila Aarakshan: बड़े रोड़े हैं इस राह में

Mahila Aarakshan: बड़े रोड़े हैं इस राह में

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : September 20, 2023, 2:23 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), Rashid Hashmi, Mahila Aarakshan: मोदी सरकार बधाई की पात्र है। लोकसभा और राज्य विधानसभा में 33 फ़ीसदी महिला आरक्षण वाला बिल पेश कर दिया गया, बहस भी शुरू हो चुकी है। विधेयक का नाम रखा गया है ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’। ये प्रधानमंत्री मोदी की आराधना है, संसद की शक्ति साधना है। मोदी की ‘नारी शक्ति’ पर विपक्ष की सियासत अटकी, भटकी और लटकी है। पिछले 27 साल में भारत ने प्रधानमंत्री के तौर पर चार चेहरे देखे हैं- एचडी देवगौड़ा, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और अब नरेंद्र मोदी। इतिहास की इबारत जब भी पढ़ी जाएगी तो भारतीय राजनीति में महिला आरक्षण का श्रेय मोदी को ही जाएगा।

92 साल बाद पूरा होने जा रहा है ख़्वाब

1996 में 13 दलों के गठबंधन वाली यूनाइडेट फ्रंट सरकार ने महिला आरक्षण को लेकर पहली कोशिश की। 1998 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने भी बहुत बार कोशिश की, लेकिन हर बार राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी जैसे दलों ने विरोध किया। साल 2004 में केंद्र में यूपीए सरकार बनी, मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। 2010 में महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में बहुमत से पारित हुआ, लेकिन मनमोहन सरकार ने लोकसभा में लाने की हिम्मत नहीं दिखाई। यूपीए को डर था कि अगर बिल को लोकसभा में पेश किया तो सरकार ख़तरे में पड़ जाएगी, नतीजा अगले 13 साल तक महिला आरक्षण बिल लटका रहा। बेगम शाह नवाज़ और सरोजिनी नायडू का 1931 में देखा ख़्वाब 92 साल बाद पूरा होने जा रहा है।

विशेष सत्र बुलाकर बिल पेश करने की ज़रूरत क्यों पड़ी

देश की नई संसद में सरकार ने उस बिल को पेश किया जो पिछले 27 साल से संसद के दोनों सदनों से पास होकर भी अटका रहा। ‘नारी शक्ति वंदन बिल’ के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों हैं। कानून बना तो लोकसभा की 543 में से 181 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगी यानि इन 181 सीट पर सिर्फ महिलाओं की उम्मीदवारी होगी। लेकिन विपक्ष इसे महज़ झुनझुना मान रहा है, क्योंकि 2029 के चुनाव से पहले महिलाओं को फ़ायदा नहीं मिल पाएगा। I.N.D.I.A. गठबंधन का सवाल है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू नहीं कर पाने की हालत में, विशेष सत्र बुलाकर अभी बिल पेश करने की ज़रूरत क्यों पड़ी। महिला आरक्षण परिसीमन के बाद ही लागू होगा, साल 2026 से पहले परिसीमन असंभव है। अब आम आदमी पार्टी समेत कई दल सवाल उठा रहे हैं, “क्या 2024 का लोकसभा चुनाव पास देखकर सरकार ने आनन फ़ानन में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया ?” सवाल जायज़ है- महिला आरक्षण जटिल जनगणना और परिसीमन प्रैक्टिस के बीच फंस कर ना रह जाए ?

अंतिम पंक्ति में खड़ी महिला को भी मिलना चाहिए उसका हक़

अब समझिए कि लोकसभा और राज्य विधानसभा में महिला आरक्षण की राह में कितने रोड़े हैं। क्षेत्रीय दलों की प्राथमिकता जातियां हैं। देश में जातियों का बंटवारा अनुसूचित जाति, जनजाति (SC-ST) और अन्य पिछड़ी जातियों के आधार पर होता है। सपा, बसपा, राजद, जदयू, रालोद जैसी कई पार्टियां हैं जिनकी सियासी बुनियाद में जातियां हीं हैं। क्षेत्रीय पार्टियां ‘आरक्षण के भीतर आरक्षण’ की वक़ालत करती हैं। लिख कर रखिए, विधेयक का एक नया विरोध शुरू होने वाला है। ‘कोटे में कोटा’ वाली मांग मान ली जाती, तो 1990 में ही बिल पास हो चुका होता। अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव कहती हैं, “मैं महिला हूं और इस बिल का समर्थन करती हूं, लेकिन मैं चाहती हूं कि अंतिम पंक्ति में खड़ी महिला को भी उसका हक़ मिलना चाहिए।

यानि यहां भी SC/ST को धोखा

हम चाहते हैं कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले,” महिला आरक्षण बिल पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर और मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।” अपने अगले पोस्ट में राबड़ी देवी ने लिखा, “महिला आरक्षण विधेयक में जो 33% आरक्षण दिया गया है उसमें SC, ST, OBC महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गई हैं। SC/ST वर्गों के लिए जो प्रावधान किया है वह उन वर्गों के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों में से SC/ST की महिलाओं को 33% मिलेगा। यानि यहां भी SC/ST को धोखा”।

181 सीटें होंगी महिलाओं के लिए आरक्षित

महिला आरक्षण बिल पेश हो चुका है, पास भी हो जाएगा, लेकिन लागू करने का फॉर्मूला क्या होगा, पिक्चर साफ़ नहीं हैं। पहले जनगणना और फिर परिसीमन होगा। डिलिमिटेशन के बाद तय होगा कि कौन सी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी। सीटों का चुनाव रैंडम होगा या महिलाओं की जनसंख्या के आधार पर, अब तक इसे लेकर भी पसोपेश है। चूंकि अगली बार सीटों पर आरक्षण रोटेशन के आधार पर होगा और हर परिसीमन के बाद सीटें बदली जा सकेंगी, इसलिए दलों में डर है। डर इस बात का है कि विनिंग कैंडिडेट का टिकट काटेंगे तो काटेंगे कैसे। अभी लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं, ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ क़ानून बना तो एक तिहाई यानि 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।

SC-ST महिलाओं को अलग से आरक्षण मिलेगा ?

रोटेशन सिस्टम लागू होने की स्थिति में अगले चुनाव में 181 सीटें बदल जाएंगी, मतलब 181 महिला सांसदों का टिकट कट जाएगा या वो अपनी मौजूदा सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। महिला आरक्षण बिल के तौर पर भारतीय राजनीति का ‘पैंडोरा बॉक्स’ खुल चुका है। सैकड़ों सवाल हैं जिनके जवाब मिलने ज़रूरी हैं। आधी आबादी के अधिकार के लिए मोदी सरकार को सलाम, लेकिन राह के रोड़े हटने ज़रूरी हैं। महिलाओं के लिए कौन सी सीट आरक्षित, राज्यों की विधानसभाओं में कब लागू होगा महिला आरक्षण, क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू हो पाएगा, क्या SC-ST महिलाओं को अलग से आरक्षण मिलेगा- ये वो सवाल हैं जिनके लाज़मी और तर्कसंगत जवाब ज़रूरी हैं।

ये भी पढ़ें –

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Viral News: हाईवे पर पिस्तौल लहरा रही महिला का वीडियो हुआ वायरल, यूपी पुलिस ने ली खैर- Indianews
Jerry Seinfeld: ड्यूक में जेरी सीनफील्ड को मिली मानद उपाधि, विरोध में छात्र चले गए बाहर -India News
Uttar Pradesh: नूडल्स खाने से 12 साल के लड़के की मौत, परिवार के 5 सदस्य अस्पताल में भर्ती-Indianews
Western Erez: इजरायल ने खोली उत्तरी गाजा में नई सीमा, अमेरिका के अपील का पड़ा प्रभाव -India News
Blast in Jharkhand: झारखंड के पलामू में मतदान से एक दिन पहले विस्फोट, 3 नाबालिग सहित 4 की मौत- Indianews
Kharge chopper search: गृह मंत्री अमित शाह और…, खड़गे के हेलिकॉप्टर की तलाशी पर बिहार सीईओ ने दिया स्पष्टीकरण- Indianews
Vladimir Putin: राष्ट्रपति पुतिन ने किया बड़ा बदलाव, शोइगु की जगह आंद्रेई बेलौसोव होंगे रक्षा मंत्री -India News
ADVERTISEMENT