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India News (इंडिया न्यूज), CM Nitish Kumar: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुई। इनके साथ राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहें। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभा में 12 मिनट का भाषण दिया। सीएम नीतीश द्वारा मंच दिए गए भाषण ने बिहार में एक बार फिर से सियासी बवाल मचा दिया है।
सीएम नीतीश ने अपने 12 मिनट के भाषण में बिहार के इतिहास, महात्मा गांधी का योगदान और अपना जीवन परिचय भी दिया है। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा, ‘ साल 2007 की तत्कालीन केंद्र सरकार ने कई राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्धालय खोलने का निर्णय लिया था। जिसके बाद साल 2009 में केंद्रीय वि.वि. अधिनियमम पास हुआ। तत्कालीन मंत्री द्वारा बिहार में भी सेंट्रल युनिवर्सिटी बनाने की भी बात कही गई। जमीन देने की बात हुई। उस दौरान मैंने इस यूनिवर्सिटी की मांग रखी।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘मैंने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय स्तर पर यूनीवर्सिटी बनाया जा रहा है। उसके अलावा एक और सेंट्रल यूनीवर्सिटी अलॉट कर दीजिए। जिसे चंपारण में यानी बापू की कर्मभूमि में बनाया जाएगा। उन्होंने (तत्कालीन मंत्री) कहा कि यहां नहीं गया में बनाया जाएगा। जिसके बाद 2014 में केंद्र की सरकार बदली तो मेरे सुझाव पर अमल हुआ। यहां 2016 से काम शुरू हुआ। आज पहले दीक्षांत समारोह में मैं आपका स्वागत कर रहा हूं और इस विश्वविद्धालय के लिए काम करने वाले सभी लोगों का आभार जताता हूं।’
इसके बाद सीएम नीतीश द्वारा दिए गए बयान से पूरे गेस्ट और मीडिया की नजर उन पर टीक गई। उन्होंने कहा कि ‘जब तक जिंदा हूं, तब तक बीजेपी नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी’। इसी के साथ उन्होंने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को कोसते हुए कहा, ‘उन्होंने तो बात ही नहीं सुनी। वो तो 2014 में जब नयी सरकार बनी तब मेरी बात मानी गयी।’ नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी सांसद राधामोहन सिंह और दूसरे बीजेपी नेताओं तरफ इशारा करते हुए कहा कि ‘ये जितने लोग हैं न सब मेरे साथी हैं। कौन कहां है इस सब छोड़िये न भाई। एकरा से का मतलब है। हमनी के दोस्ती कहियो खतम नहीं होगा। जब तक हम जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ भी मेरा संबंध रहेगा। चिंता मत करिये।’
हालांकि ये मंच राजनीतिक नहीं था। यहां हर पार्टी के लोग और कई दिग्गज लोग मौजूद थें। इसके बावजूद सीएम के इस बयान पर चर्चा तेज हो गई। सीएम द्वारा दिए गए इस बयान के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। ऐसा संभव है कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन से निकलकर बीजेपी में शामिल हो जाए।
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