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India News Bihar(इंडिया न्यूज़),Constitution Day: अगर आप संस्कृत या मैथिली भाषा में संविधान पढ़ना चाहते हैं तो अब आपकी इच्छा पूरी होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस के अवसर पर मैथिली और संस्कृत भाषा में अनुवादित भारतीय संविधान की प्रतियां जारी कीं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर एक विशेष डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया गया। मैथिली भाषा के लिए यह एक बड़ा कदम है, जिसे 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया था।
संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मैथिली और संस्कृत भाषा में संविधान की प्रतियां जारी कीं। यह कार्यक्रम संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने।
संविधान का मैथिली भाषा में अनुवाद एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस भाषा को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान 2004 में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। इससे मैथिली को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला। अब संविधान देश की दो प्राचीन भाषाओं मैथिली और संस्कृत में उपलब्ध होगा।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘यह संविधान देश के प्रतिभाशाली लोगों की देन है। इसने देश की विविधता को अभिव्यक्ति दी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले 75 वर्षों में हमारा देश विश्व बंधु के रूप में उभरा है। आज कृतज्ञ राष्ट्र अपने संविधान निर्माताओं को नमन करता है।’ राष्ट्रपति ने देश की प्रगति, खासकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की। उन्होंने महिला सांसदों के योगदान की भी सराहना की।
राष्ट्रपति ने जन सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘हमारे संविधान का उद्देश्य है कि कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका आम लोगों के हितों के लिए मिलकर काम करें।’ उन्होंने राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सभी के सहयोग और विविधता में एकता के महत्व पर जोर दिया।
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