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India News (इंडिया न्यूज़), Baba Siddiqui Son Zeeshan Cried: ये कहना गलत नहीं होगा कि बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui) के निधन से सबसे ज्यादा दुखी उनका परिवार है। बड़े बेटे जीशान सिद्दीकी (Zeeshan Siddiqui) की रोती हुई तस्वीरें दर्द बयां कर रही हैं, जख्म इतना गहरा है कि उस शख्स की आंखों से आंसू बह रहे हैं जो कभी हमारे बीच नहीं रहेगा। पिता का इस तरह चले जाना वाकई किसी को भी तोड़ सकता है, ऐसी अचानक हुई घटना हर किसी को हिला कर रख देती है।
वैसे तो पूरा परिवार गम में है, लेकिन एनपीसी नेता बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी अब जीशान पर आ गई है। परिवार जिस हालत में है, उसमें उनका ख्याल रखना और फिर खुद का ख्याल रखना भी काफी मुश्किल होगा। ऐसे में जीशान के दर्द को समझने के लिए हम कुछ अध्ययनों के बारे में भी बता रहे हैं, जो बताते हैं कि यह मुश्किल समय एक बेटे को कितना तोड़ देता है।
जीवन और मृत्यु, दोनों निश्चित हैं लेकिन किसी के अचानक चले जाने पर यकीन करना मुश्किल है। बाबा सिद्दीकी पर हमला और इस दुनिया को अलविदा कहना, जीशान और उनके परिवार के लिए यह समझ पाना मुश्किल है। अचानक होने वाला दर्द सामान्य दर्द से कई गुना ज्यादा होता है। यहां आपका दिल और दिमाग दर्द को सहने की स्थिति में नहीं होता।
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जीशान सिद्दीकी को रोता देख वाकई दिल भारी हो जाता है। कुछ लोग आज भी यही सोचते हैं कि पुरुषों को दर्द नहीं होता और वो रोते नहीं। दरअसल, हकीकत समाज की सोच से बिल्कुल परे है। दरअसल, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि तनाव या अपनों को खाने से पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। ऐसे में ज्यादातर पुरुष रो कर अपना दुख जाहिर करते हैं। जीशान की तस्वीरें भी इस बात को साबित करती हैं।
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जब तक पिता का साया बच्चों पर रहता है, तब तक वे उत्साह से जीवन जीते हैं। लेकिन अगर अचानक साया चला जाए तो सब कुछ बिखर जाता है। बाबा सिद्दीकी के बैन के बाद जीशान की जिंदगी भी एक झटके में बदल गई है। अब परिवार का सबसे बड़ा बेटा होने के नाते उसे पूरे परिवार का ख्याल रखना पड़ता है, उसे हर कदम सोच-समझकर उठाना पड़ता है।
एक अध्ययन में कहा गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अपने माता-पिता को जल्दी खोने का दुख अधिक होता है। ऐसे में पिता की मौत के बाद लड़के सबसे ज्यादा टूट जाते हैं। यही बात जीशान की तस्वीरों में भी देखी जा सकती है, बाबा सिद्दीकी का जाना उनके लिए सबसे बड़ा दुख है।
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जीशान और पूरे परिवार को बाबा सिद्दीकी की मौत के गम से उबरने में अभी वक्त लगेगा। जिस तरह से एनसीपी नेता की हत्या की गई, उससे जीशान को बाकी परिवार के लिए भी डर बना रहेगा। जब वह हर दिन बाहर जाएगा, तो उसे हमेशा अपने परिवार की चिंता सताएगी। इस समय उसके लिए सबसे जरूरी होगा कि वह तनाव कम करे और अपने परिवार पर ध्यान दे।
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