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India News (इंडिया न्यूज),CG News: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भीतर बागी नेताओं की घर वापसी की चर्चाओं ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान पार्टी से बगावत करने वाले नेताओं की पार्टी में वापसी को लेकर एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी अगुवाई प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट कर रहे हैं। हालांकि, इस मामले में पार्टी के अंदर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं।
कुलदीप जुनेजा ने किया विरोध
रायपुर उत्तर से कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने इस मुद्दे पर खुलकर विरोध किया है। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि बागी नेताओं की वापसी पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ होगी। जुनेजा ने अजीत कुकरेजा और आनंद कुकरेजा का नाम लेते हुए कहा कि इन नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों को हराने का काम किया है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा, “पार्टी ने हमेशा एकता का पाठ पढ़ाया है, लेकिन कुछ लोग पैसे और स्वार्थ के लिए पार्टी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों की घर वापसी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ सकती है।” जुनेजा ने इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट को भी पत्र भेजने की बात कही है।
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बागियों की वापसी पर बनी कमेटी
कांग्रेस ने बागी नेताओं की वापसी पर निर्णय लेने के लिए एक कमेटी बनाई है, जिसकी अध्यक्षता सचिन पायलट कर रहे हैं। चर्चा है कि बागियों की वापसी का फैसला पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों में मजबूत करने के लिए किया जा रहा है। वहीं, पूर्व सीएम अजीत जोगी की पार्टी जेसीसीजे के कांग्रेस में विलय की अटकलें भी इस राजनीतिक विवाद को और बढ़ा रही हैं। कुलदीप जुनेजा का विरोध और उनका पत्र कांग्रेस के भीतर आंतरिक खींचतान को उजागर करता है। पार्टी के भीतर एक वर्ग मानता है कि बागियों की वापसी पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकती है, जबकि दूसरे वर्ग का तर्क है कि इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा।
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