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भारत में शराब के विज्ञापन के नियम बदलेंगे, सेलिब्रिटी विज्ञापनों पर लगाम कसने की तैयारी

Raunak Kumar • LAST UPDATED : August 5, 2024, 12:56 am IST

India Liquor Ads

India News (इंडिया न्यूज), India Liquor Ads: भारत जो शराब के प्रत्यक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाता है। व्यापक नियमों की घोषणा करने वाला है, जो सरोगेट विज्ञापनों और आयोजनों के प्रायोजन पर भी रोक लगाएगा। जिससे कार्ल्सबर्ग, पर्नोड रिकार्ड और डियाजियो जैसी कंपनियों को मार्केटिंग अभियान फिर से तैयार करने पर मजबूर होना पड़ सकता है। ऐसे सरोगेट विज्ञापन अक्सर कम वांछनीय वस्तुओं को दिखाकर प्रतिबंध को दरकिनार कर देते हैं। जैसे कि पानी, संगीत सीडी या कांच के बर्तन जो उनके मुख्य उत्पाद से जुड़े लोगो और रंगों से सजे होते हैं और अक्सर लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्म सितारों द्वारा प्रचारित होते हैं। साथ ही अब कंपनियों पर जुर्माना लगा सकते हैं और तंबाकू और शराब के विज्ञापनों का समर्थन करने वाले मशहूर हस्तियों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं, जो भ्रामक माने जाते हैं।

भारत उठा रहा है कड़े कदम

बता दें कि, अधिकारी निधि खरे ने मीडिया को बताया कि आप उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए घुमावदार रास्ता नहीं अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम नियम एक महीने के भीतर जारी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगर हमें विज्ञापन छद्म और भ्रामक लगते हैं, तो उत्पादों का समर्थन करने वाले लोग भी जिम्मेदार ठहराए जाएंगे। उदाहरण के लिए, शराब बनाने वाली कंपनी कार्ल्सबर्ग भारत में अपने टुबॉर्ग पीने के पानी का प्रचार करती है। जिसमें छत पर डांस पार्टी में फिल्मी सितारे दिखाई देते हैं और नारा टिल्ट योर वर्ल्ड है। जो अन्य जगहों पर इसके बीयर विज्ञापनों की तरह है, जिसमें संदेश जिम्मेदारी से पिएं लिखा है। दरअसल, मात्रा के हिसाब से दुनिया का आठवां सबसे बड़ा शराब बाजार है। जिसका वार्षिक राजस्व यूरोमॉनिटर का अनुमान $45 बिलियन है।

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शराब कंपनियों ले लिए भारत बड़ा मार्केट

दरअसल, 1.4 बिलियन लोगों के बीच बढ़ती समृद्धि भारत को किंगफिशर बीयर निर्माता, यूनाइटेड ब्रुअरीज, हेनेकेन समूह का हिस्सा, जैसी कंपनियों के लिए एक आकर्षक बाजार बनाती है। जिसकी मात्रा के हिसाब से बाजार हिस्सेदारी एक चौथाई से अधिक है। अपनी व्हिस्की के लिए लोकप्रिय, डियाजियो और पेरनोड को मिलाकर, इनकी बाजार हिस्सेदारी लगभग पाँचवाँ हिस्सा है। जबकि पेरनोड के लिए, भारत वैश्विक राजस्व का लगभग दसवाँ हिस्सा योगदान देता है। नए नियमों में सरोगेट विज्ञापन में शामिल होने पर प्रतिबंध की बात कही गई है। नए नियमों के तहत दंड उपभोक्ता कानून पर निर्भर करता है, निर्माताओं और विज्ञापनकर्ताओं पर 5 मिलियन रुपये ($ 60,000) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जबकि प्रमोटरों पर एक से तीन साल तक के लिए विज्ञापन प्रतिबंध का जोखिम होता है।

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स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रभाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि शराब के विज्ञापन पर प्रतिबंध या व्यापक अंकुश सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में लागत प्रभावी उपाय थे। इसके डेटा से पता चलता है कि भारत में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2019 में लगभग 5 लीटर से बढ़कर 2030 में लगभग 7 लीटर हो जाएगी। इस अवधि के दौरान साथी एशियाई दिग्गज चीन की खपत घटकर 5.5 लीटर रह जाएगी। भारत में शराब से संबंधित मौतें प्रति 1,00,000 आबादी पर 38.5 थीं, जबकि चीन में यह 16.1 थी। खरे ने कहा कि भारत के मसौदे में नॉर्वे जैसे देशों में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं की समीक्षा की गई है। जो शराब और अन्य वस्तुओं के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इन प्रतिबंधों ने समय के साथ शराब की बिक्री में कमी की है।

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